ट्रंप से तनातनी के बाद जेलेंस्की को यूरोप का सहारा, ब्रिटेन और फ्रांस ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ

ट्रंप से तनातनी के बाद जेलेंस्की को यूरोप का सहारा, ब्रिटेन और फ्रांस ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ

नई दिल्लीअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच हुई तीखी नोकझोंक चर्चा का विषय बन चुकी है। जिसके बाद जेलेंस्की ने यूरोप से मदद मांगी। इसके साथ ही ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों ने यूक्रेन के लिए मजबूत समर्थन का दावा किया है।

वाशिंगटन में ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई मुलाकात के बाद तनाव चरम पर पहुंच गया। ट्रंप ने जेलेंस्की पर यूक्रेन-रूस संघर्ष को खत्म करने में नाकाम रहने और अमेरिकी समर्थन की कद्र न करने का आरोप लगाया। ओवल ऑफिस में हुई इस बहस में ट्रंप ने कथित तौर पर कहा कि अगर यूक्रेन रूस के साथ समझौता नहीं करता, तो अमेरिका अपनी सैन्य और आर्थिक मदद वापस ले सकता है। वहीं, जेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि उनका देश शांति चाहता है, लेकिन यह सुरक्षा गारंटी के साथ होनी चाहिए, न कि रूस के सामने आत्मसमर्पण के रूप में। इस तकरार के बाद जेलेंस्की बिना किसी ठोस समझौते के अमेरिका से लौट आए, जिससे यूक्रेन के लिए अमेरिकी सहायता पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।

यूक्रेन को यूरोप का सहारा

ट्रंप के रुख से निराश जेलेंस्की ने तुरंत यूरोप का दौरा शुरू किया। 2 मार्च को लंदन पहुंचे जेलेंस्की का ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने गर्मजोशी से स्वागत किया। स्टार्मर ने घोषणा की कि ब्रिटेन यूक्रेन को 1.6 बिलियन पाउंड (लगभग 2 बिलियन डॉलर) की सहायता देगा, जिसमें 5000 एयर डिफेंस मिसाइलें और शांति योजना को लागू करने के लिए सैनिक शामिल हैं। स्टार्मर ने कहा, "यूरोप को अपनी सुरक्षा के लिए खुद खड़ा होना होगा, चाहे अमेरिका का रुख कुछ भी हो। हम यूक्रेन के साथ हैं और शांति के लिए एक योजना पर काम कर रहे हैं।"

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