Supreme Court On Green Firecrackers: प्रदूषण नियंत्रण और पारंपरिक उत्सवों के बीच संतुलन बनाने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम कदम उठाया है। कोर्ट ने दिल्ली-NCR में ग्रीन पटाखों के निर्माण की अनुमति दे दी है। लेकिन इस अनुमति के साथ एक शर्त भी रखी है। शर्त यह है कि इन पटाखों की बिक्री फिलहाल दिल्ली-NCR में नहीं की जाएगी। यह फैसला दिवाली जैसे त्योहारों से पहले आया है, जब वायु प्रदूषण की समस्या हर साल चरम पर पहुंच जाती है।
कोर्ट ने सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजरिया शामिल थे, ने राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) से प्रमाणित निर्माताओं को ग्रीन पटाखों का निर्माण जारी रखने की अनुमति दी है। लेकिन ग्रीन पटाखों के निर्माण में शामिल निर्माताओं के सामने एक शर्त रखी गई है। शर्त के अनुसार, वे अपने पटाखों की बिक्री दिल्ली-NCR में नहीं करेंगे, जब तक कि अदालत आगे का आदेश न दे।
यह अनुमति केवल उन निर्माताओं के लिए है जो पर्यावरण-अनुकूल ग्रीन पटाखों के मानकों का पालन करते हैं। ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं, क्योंकि इनमें कम सल्फर, मर्करी और अन्य हानिकारक तत्व होते हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि उत्पादन की अनुमति से मजदूरों का रोजगार सुरक्षित रहेगा, लेकिन एनसीआर में बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध बरकरार रहेगा।
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