
Delhi Stray Dogs: दिल्ली सरकार ने स्कूलों के शिक्षकों को राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों की गिनती करने के आदेश जारी किए। शिक्षा निदेशालय (DoE) ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस कार्य के लिए शैक्षणिक संस्थानों से नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें और जरूरी जानकारी इकठ्ठा करें। सरकारी आदेश के अनुसार, जिला स्तर पर चुने गए शिक्षकों के नाम और विवरण विभाग को भेजे जाएंगे, जो फिर इस जानकारी को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव कार्यालय तक पहुंचाएंगे। शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि यह कार्य "सार्वजनिक सुरक्षा" से जुड़ा है और इसमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करना अनिवार्य है। अधिकारियों ने बताया कि ये आदेश सरकारी और निजी स्कूल दोनों के शिक्षकों पर लागू है।
पिछले हफ्ते मिली थी जानकारी
लिस्ट के अनुसार, कम से कम 118 सरकारी शिक्षक नॉर्थवेस्ट जिले में इस गिनती कार्य के लिए चुने गए हैं। शालीमार बाग के एक सरकारी स्कूल में तैनात शिक्षक रितु सैनी ने बताया कि उन्हें इस काम के बारे में पिछले हफ्ते जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि हमें ये काम करने को कहा गया है और हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। हालांकि सूची तैयार हो गई है, लेकिन गिनती का काम अभी शुरू नहीं हुआ है।
शिक्षकों ने की फैसले की आलोचना
वहीं, शिक्षक संगठनों ने इस फैसले की आलोचना की है। गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन (GSTA) की सदस्य कृष्णा फोगाट ने कहा कि संगठन शिक्षा मंत्री को इस फैसले के खिलाफ पत्र लिख रहा है। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षक आवारा कुत्तों की गिनती करेंगे, तो छात्रों की देखभाल कौन करेगा? शिक्षकों की गरिमा और सम्मान का क्या होगा?
बच्चों की शिक्षा होगी प्रभावित- कृष्णा फोगाट
फोगाट ने ये भी सवाल उठाया कि पशुपालन विभाग, वन विभाग या अन्य संबंधित एजेंसियों को ये काम क्यों नहीं सौंपा गया। उन्होंने कहा कि शिक्षण एक सम्मानित पेशा है, लेकिन अब सरकार ने हमें आवारा कुत्तों की गिनती की जिम्मेदारी दे दी है। अगर शिक्षक गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगे रहे, तो बच्चों की शिक्षा और समाज का भविष्य प्रभावित होगा।
अन्य राज्यों को भी दिए गए ये आदेश
इस मामले को लेकर अधिकारियों ने बताया कि ये आदेश सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करता है। पिछले महीने कोर्ट ने सभी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वे स्कूल, अस्पताल, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जैसी जगहों से आवारा कुत्तों को हटाकर नियत शेल्टर में स्थानांतरित करें। न्यायालय ने ये भी कहा था कि कुत्तों को स्थानांतरित करने से पहले उन्हें नसबंदी और टीकाकरण किया जाए। ऐसी ही तैनाती के आदेश अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में भी दिए गए हैं।
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