School Fee Control Bill 2025: दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन 04 अगस्त को दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने एक अहम कदम उठाते हुए दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 विधानसभा में पेश किया। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य निजी स्कूलों द्वारा मनमानी तरीके से फीस वृद्धि पर रोक लगाना और शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इस विधेयक को पेश करते हुए आशीष सूद ने कहा 'शिक्षा बेचने की चीज नहीं है। यह हर बच्चे का अधिकार है और हम इसे सस्ता व सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025 की विशेषताएं
बता दें, दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 निजी स्कूलों की फीस निर्धारण प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। इस विधेयक के तहत कई अहम प्रावधान शामिल किए गए हैं। इस बिल के तहत कोई भी निजी स्कूल बिना अनुमति के फीस में वृद्धि नहीं कर सकेगा। फीस वृद्धि की अनुमति केवल तीन साल में एक बार होगी और इसके लिए स्कूल को शिक्षा निदेशालय (DoE) से मंजूरी लेनी होगी।
इसके अलावा प्रत्येक स्कूल में एक समिति का गठन अनिवार्य होगा। जिसमें स्कूल प्रबंधन, शिक्षक, अभिभावक और शिक्षा निदेशक के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिति फीस वृद्धि के प्रस्तावों की समीक्षा करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि वृद्धि उचित हो। यदि कोई स्कूल निर्धारित फीस से अधिक वसूलता है या नियमों का उल्लंघन करता है, तो पहली बार में 1 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
AAP ने किया विरोध
विपक्षी दल, विशेष रूप से आम आदमी पार्टी (AAP), ने इस बिल पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। AAP की नेता आतिशी ने इसे लागू करने में देरी पर सवाल उठाए और दावा किया कि उनकी सरकार ने पहले ही शिक्षा सुधारों की दिशा में कई कदम उठाए थे। इसके जवाब में आशीष सूद ने AAP के शिक्षा मॉडल की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाली बेटियों के लिए शिक्षा को और सुलभ बनाया है।
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