Dark Web...इंटरनेट पर काले धंधों का अड्डा, जहां लगती हैं खुलेआम बोलियां

Dark Web...इंटरनेट पर काले धंधों का अड्डा, जहां लगती हैं खुलेआम बोलियां

नई दिल्ली: इंटरनेट ने जहां एक तरफ दुनिया में लगभग सभी चीज़ों को आसान किया है, वहीं कई मुश्किलें भी खड़ी की है। इंटरनेट ने लोगों के कामकाज का तरीका बदला तो कई नए स्टार्टअप भी बाजार में आए। वहीं इंटरनेट की वजह से ऑनलाइन फ्रॉड के कई मामले भी बढ़े। ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में आपने Dark Web शब्द जरूर सुना होगा। पर क्या आप जानते हैं Dark Web आखिर है क्या? तो चलिए जानते हैं इंटरनेट के इस डार्क पहलू के बारे में...
 
बताते चले कि इंटरनेट की वजह से फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। ठग लोगों को अपने झांसे में लेकर उनकी सालों जमा पूंजी को सेकेंडों में उड़ा लेते हैं। ऑनलाइन होने वाली ठगी से बचने के लिए यूजर का इंटरनेट और उससे जुड़ी जानकारी से अवगत होना बेहद जरुरी है। ऑनलाइन होने वाले फ्रॉड में न सिर्फ पैसा बल्कि पर्सनल डाटा भी चोरी होता है।
 
क्या होता है डार्क वेब? 
 
डार्क वेब इंटरनेट की वो दुनिया है जहां सीधे ब्राउज़र से नहीं पहुंचा जा सकता। क्योंकि जिस ब्राउज़र का इस्तेमाल करते हुए हम इंटरनेट तक पहुंच सकते हैं, वो सिर्फ 40 प्रतिशत है। यानी बाकी का हिस्सा 96% डार्क वेब की काली दुनिया है। जिस ब्राउज़र से हम इंटरनेट को एक्सेस करते हैं उसे ओपन वेब या फिर सरफेस वेब कहा जाता है। ऐसे में आम यूजर्स डार्क वेब तक पहुंचना आसान नहीं है और अगर आप यहां पहुंच भी जाते हैं तो फिर हैकर से बचना आपके लिए मुश्किल है। डार्क वेब का इस्तेमाल करने के लिए आपको खास किस्म के ब्राउज़र की जरूरत होती है।
 
खुलेआम लगती हैं बोलियां
 
डार्क वेब की इस काली दुनिया में लोगों का डेटा चुराकर उसकी खुलेआम बोलियां लगाई जाती हैं। डार्क वेब में वह सभी जानकारी मिलती है जो सामान्य सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं होती। इस वेब में वेबसाइट की जानकारी, लोगों का निजी डेटा, बैंकों की जानकारी आदि कई महत्वपूर्ण चीजों की खरीद-फरोख्त की जाती है।
 
इस काली दुनिया में हैकर्स डेटा की कीमत उसकी वैल्यू के हिसाब से लगाते हैं। यहां हैकर्स लोगों को सैंपल के तौर पर कई चीज़ों को दिखाया जाता है। उदाहरण के तौर पर, आपने सुना होगा कि करोड़ो लोगों का डेटा हैक हो चुका है, ऐसे में हैकर्स जिनका डेटा चुराते हैं, उन्हीं से समझौते के लिए तैयार रहते हैं। ये सब इसी डार्क वेब पर किया जाता है।
 
...कभी न करें सर्फिंग
 
डार्क वेब पर सर्फिंग करना आपको मुश्किल में डाल सकता है। डार्क वेब पर सभी देशों की सुरक्षा एजेंसियां हमेशा नजरे रखती हैं। ऐसे में अगर आप कभी भी डार्क वेब की वेबसाइट पर विजिट या स्क्रॉल करते है तो आप परेशानी में पड़ सकते हैं। वहीं, अगर आप डार्क वेब पर लम्बे समय तक बने रहते हैं तो आपके डिवाइस पर मैलवेयर अटैक हो सकता है और आप हैकिंग का शिकार हो सकते हैं।

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