
Ajab Gajab: दुनियाभर में ऐसी तमाम जगहें हैं, जो अनदेखी हैं या उन जगहों पर बहुत कम ही इंसान पहुंच पाए है। इसके साथ ही ऐसी भी कई जगहें हैं, जिनके बारे में या तो इंसान जानते नहीं है या फिर वहां इंसान आजतक पहुंच ही नहीं पाए है। ऐसे में वैज्ञानिकों के द्वारा आए दिन नई-नई खोज की जाती है। कुछ ऐसी ही खोज समुद्र की गहराई में हुई है, जहां से एक ऐसी चीज निकलकर सामने आई है जिसने वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया है। दरअसल, पहली बार समुद्र की गहराईयों में डार्क ऑक्सीजन मिला है। इसे देख वैज्ञानिक भी हैरान हो गए है।
बता दें कि उत्तरी प्रशांत महासागर के क्लेरियॉन क्लिपर्टन जोन में धातु के छोटे-छोटे नॉड्यूल्स मिले है, यानी कि छोटी-छोटी गेंदे। ये नॉड्यूल्स समुद्र की तलहटी में पूरी तरह से फैले हुए है। हैरानी की बात ये ही कि ये गेंदे अपना खुद का ऑक्सीजन बनाती है, जिसे वैज्ञानिकों ने डार्क ऑक्सीजन नाम दिया है। धातु से बनी ये गेंदे एक आलू की तरह है। ये गेंदे घोर अंधेरे में ऑक्सीजन पैदा करती है। यही वजह है कि यहां पर पैदा होने वाली ऑक्सीजन को डार्क ऑक्सीजन कहा जाता है, क्योंकि यहां सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती है।
जहां सूरज की रोशनी नहीं, वहां कैसे आई ऑक्सीजन?
गौरतलब है कि डार्क ऑक्सीजन की खोज 13 हजार फीट की गहराई में हुई है, जहां पर लहरें भी नहीं होती है। इस जगह पर सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंचती है। प्राकृतिक तरीके से यानी फोटोसिंथेसिस के जरिए ऑक्सीजन पैदा नहीं होता। लेकिन अमोनिया का ऑक्सीडाइजेशन एक तरीका है, जिसे ऑक्सीजन को पैदा किया जा सकता है। हालांकि ये पहली बार है जब डार्क ऑक्सीजन खोजा गया है।
Leave a comment