
Cold Feet in Winter: सर्दियां आते ही लोगों का सबसे पसंदीदा काम होता है कंबल में दुबककर सोना, लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि कई बार रजाई में घंटो रहने के बाद भी आपके पैर ठंडे ही रहते हैं। अगर ऐसा आपके साथ अक्सर होता है, तो इसे सिर्फ सर्दी के मौसम की वजह से ही नहीं बल्कि शरीर में पोषक तत्व की कमी या किसी बीमारी के कारण हो सकता है। आइए जानते हैं कि इसकी वजह क्या हो सकती है?
शरीर में B12 की कमी
विटामिन B12 शरीर की नसों और ब्लड सेल्स के लिए बहुत जरूरी होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, इसकी कमी से नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे पैरों में झनझनाहट, सुन्नपन या ठंडक महसूस हो सकती है। ऐसे में इसकी कमी को पूरा करने के लिए आप दूध, अंडा, मछली और डेयरी प्रोडक्ट को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। साथ ही अगर आप शाकाहारी हैं, तो डॉक्टर की सलाह से B12 के सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
थायराइड हार्मोन का कंट्रोल में न रहना
थायराइड शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है। जब ये हार्मोन शरीर में पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता, तो शरीर की गर्मी की कमी हो जाती है और ठंड ज्यादा लगती है, खासकर हाथ-पैरों में। अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन के अनुसार, हाइपोथायरॉइडिज्म वाले लोगों में ठंड बर्दाश्त नहीं होती है। अगर आपको इसके साथ वजन बढ़ना, थकान या बाल झड़ना जैसी दिक्कतें हैं, तो थायराइड की जांच जरूर कराएं।
डायबिटीज
डायबिटीज की बीमारी भी लंबे समय तक पैर के ठंडे होने की वजह हो सकती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डायबिटीज से पीड़ित लगभग 50 प्रतिशत लोगों में नसों को किसी न किसी रूप में नुकसान पहुंचता है। इसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है, जो पैरों में ठंडक, झनझनाहट या सुन्नपन की वजह बनती है। अगर आपको डायबिटीज है, तो शुगर कंट्रोल में रखें, मीठा कम खाएं और रोज एक्सरसाइज जरूर करें।
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