CM Yogi On Mahakumbh: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन स्थल को एक मौलाना ने वक्फ की जमीन बताई थी। जिसके बाद कई तरह की बातें सामने आई थी। अब मौलाना के बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम योगी ने कहा कि यह समझना मुश्किल है कि वक्फ बोर्ड है या भू-माफियाओं का बोर्ड हमारी सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन किया है। एक-एक इंच जमीन की जांच करवा रही है। जिन लोगों ने वक्फ के नाम पर जमीन पर कब्जा किया है उनसे जमीन वापस ली जाएगी और गरीबों के लिए आवास, शिक्षा संस्थान और अस्पताल बनाए जाएंगे।
एक निजी चैनल टीवी पर बात करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंभ की परंपरा वक्फ से कहीं पुरानी है. सनातन धर्म की परंपरा आकाश से भी ऊंची और गहराई समुद्र से भी गहरी है। इसकी तुलना किसी मत या मजहब से नहीं की जा सकती है।सनातन धर्म के परंपरा की तुलना नहीं की जा सकती है। वह सबसे ऊंची है। पिछले 10 साल में भारत ने मोदी जी के नेतृत्व में विकास किया है।जो लोग विदेशी पैसे के दम पर समाज को बांटने का काम कर रहें है ये लोग देशद्रोही है जो लोगों को जोड़ने का और तोड़ने का काम दोनों कर रहें है। महाकुम्भ की जमीन पर विदेशी जूठन खाने वाले लोग हमें बदनाम करने में लगे हुए है।
कुंभ के बारे में बताया!
इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि देवासुर संग्राम के बाद अमृत की बूंदें चार पवित्र स्थलों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। इन स्थानों पर कुंभ के आयोजन भारत के ज्ञान, चिंतन और सामाजिक दिशा तय करने का अवसर रहे हैं। महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक विरासत और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
महाकुंभ की जमीन वक्फ की
बता दें, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि प्रयागराज के रहने वाले सरताज ने दावा किया कि महाकुंभ मेले की जहां तैयारियां की जा रही हैं, वो जमीन वक्फ की है। ये जमीन लगभग 54 बीघा है। शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि, मुसलमानों ने बड़ा दिल दिखाते हुए इस पर कोई आपत्ति नही की, कुंभ मेले के सारे इंतजाम इसी वक्फ की जमीन पर हो रहे हैं। शहाबुद्दीन रजवी ने आगे कहा कि, दूसरी तरफ अखाड़ा परिषद और दूसरे बाबा लोग मुसलमानों के एंट्री पर रोक लगा रहे हैं। ये तंग नजरी छोड़नी होगी. मुसलमानों ने बड़ा दिल दिखाते हुए कोई भी आपत्ति नहीं की। साधु-संतों को इस पर सोचना चाहिए।
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