US Banking Crisis: क्या बड़े आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा अमेरिका? एक और बड़ा बैंक रिपब्लिक फर्स्ट हुआ बंद

US Banking Crisis: क्या बड़े आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा अमेरिका? एक और बड़ा बैंक रिपब्लिक फर्स्ट हुआ बंद

US Banking Crisis: विश्व अर्थव्यवस्था एक बड़े आर्थिक संकट की ओर बढ़ती दिख रही है। एक तरफ जहां चीन का रियल एस्टेट सेक्टर आर्थिक संकट से जूझ रहा है, वहीं अब अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत भी खराब होती दिख रही है। अमेरिका में बैंकिंग सेक्टर पर संकट गहराता जा रहा है। रिपब्लिक फर्स्ट बैंक इसका ताजा उदाहरण है। यह साल 2024 का पहला अमेरिकी बैंक बन गया है जो दिवालिया हो गया है।इससे पहले पिछले साल कई बैंक फेल हुए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, तमाम कमियां उजागर होने के बाद फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (FDIC) ने इसे सीज कर लिया है। आइए जानते हैं कि ऐसी स्थिति क्यों बनी?

FDIC ने क्यों सीज किया बैंक?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी बैंकिंग सेक्टर के लिए इस साल की पहली सबसे बुरी खबर आई है। पिछले शुक्रवार को, फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्प (FDIC) ने कहा कि अमेरिकी नियामकों ने रिपब्लिक फर्स्ट बैनकॉर्प को सीज कर लिया है और इसे फुल्टन बैंक (Fulton Bank) को बेचने पर सहमति व्यक्त की है।

पेंसिल्वेनिया, न्यू जर्सी और न्यूयॉर्क में संचालित क्षेत्रीय बैंक रिपब्लिक फर्स्ट बैंक के बारे में FDIC ने कहा कि 31 जनवरी, 2024 तक इस बैंक के पास 6 अरब डॉलर की संपत्ति और लगभग 4 अरब डॉलर की जमा राशि थी। इस बैंक के फेल होने के बाद डिपॉजिट इंश्योरेंस फंड को करीब 667 मिलियन डॉलर का बोझ उठाना पड़ सकता है।

क्यों डूबा बैंक?

पिछले साल जहां अमेरिका में 5 बैंक डूब गए, वहीं इस साल इसकी शुरुआत रिपब्लिक फर्स्ट बैंक से हुई। अमेरिका में केंद्रीय बैंकों ने लोगों को आसान पैसे और भारी तरलता का आदी बना दिया है, लेकिन अब वे मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए नीति को सख्त बना रहे हैं, जिसके कारण अमेरिका में वित्तीय प्रणाली में संकट पैदा हो रहा है।

साल 2022 में अमेरिकी बैंकों को 620 अरब डॉलर का घाटा हुआ। जिस तरह से अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाई जा रही हैं, उससे बैंकों की स्थिति खराब होती जा रही है। बैंकों का घाटा बढ़ता जा रहा है। लोग बैंक से पैसे निकाल रहे हैं तो ऊंची ब्याज दरों के कारण लोन बांटना मुश्किल हो रहा है। अमेरिका की बैंकिंग प्रणाली कठिन दौर से गुजर रही है।

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