घर के पुराने दस्तावेजों में शख्स को मिला दबा हुआ खजाना, 1994 में SBI के शेयर खरीद भूल गए थे दादाजी, जानें कीमत

घर के पुराने दस्तावेजों में शख्स को मिला दबा हुआ खजाना, 1994 में SBI के शेयर खरीद भूल गए थे दादाजी, जानें कीमत

SBI Shares: लोग अक्सर खजानों के बारे में बात करते हैं। सोचिए, अगर ऐसा कोई खजाना आपके हाथ लग जाए तो जिंदगी मजेदार हो जाएगी। ऐसा ही एक खजाना चंडीगढ़ के डॉक्टर तन्मय मोतीवाला के हाथ लगा है। दरअसल, उनके दादा ने साल 1994 में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के 500 रुपये के शेयर खरीदे थे और वह इसके बारे में भूल गए। अब इसके दस्तावेज मिल गए हैं। इसके बाद डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर इस बारे में एक पोस्ट लिखा, जो वायरल हो गया। आज हर कोई उन शेयरों की कीमत जानने को उत्सुक हो गया।

1994 से अब तक 750 गुना बढ़ गई वैल्यू 

डॉ। तन्मय मोतीवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मेरे दादाजी ने 1994 में 500 रुपये के ये शेयर खरीदे थे और भूल गए। उन्हें नहीं पता कि उन्होंने ये शेयर क्यों खरीदे और आज तक क्यों रखे हुए हैं। मैं अपने परिवार की संपत्ति के दस्तावेज़ एक जगह रख रहा था जब मुझे इन शेयरों के दस्तावेज़ मिले। मैंने उन्हें डीमैट में बदलने के लिए भेज दिया है। इस पोस्ट पर जबरदस्त प्रतिक्रियाएं आने लगीं। जब लोगों ने उनसे कीमत के बारे में सवाल पूछना शुरू किया तो पता चला कि 500 ​​रुपये के वो शेयर अब 750 गुना बढ़कर 3।75 लाख रुपये हो गए हैं।

फिजिकल शेयर को करवा रहे डीमैट में कनवर्ट

इसके बाद तन्मय मोतीवाला ने बताया कि इन फिजिकल शेयरों को डीमैट अकाउंट में बदलना एक कठिन प्रक्रिया है। सेबी के मुताबिक, अगर किसी के पास फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट हैं तो उन्हें इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में लाना होगा। इसके बाद ही ट्रेडिंग या ट्रांसफर किया जा सकेगा।तन्मय ने लिखा कि शायद हर कोई इस समस्या का सामना कर रहा है। हमें एक सलाहकार की मदद लेनी पड़ी। इसके बावजूद हमें काफी समय लग गया। उन्होंने लिखा कि फिलहाल वह इन शेयरों को बेचने की कोई योजना नहीं बना रहे हैं।

पोस्ट हुई वायरल, आ रहे दिलचस्प कमेंट्स

इस पोस्ट पर काफी दिलचस्प कमेंट्स आए हैं। एक यूजर ने लिखा कि यह रकम छोटी लग सकती है लेकिन, आप इतने पैसे में एक छोटी कार खरीद सकते हैं। मुझे लगता है कि 1994 में एक शिक्षक का वेतन 500 रुपये रहा होगा, जो अब 40 हजार रुपये हो गया है। एक अन्य यूजर ने अपनी कहानी सुनाते हुए लिखा कि मेरे दादाजी भी एसबीआई के कर्मचारी थे और उनके पास 500 शेयर थे। मुझे वे शेयर 17 साल की उम्र में मिले थे। उन्हें बेचने के बाद मैंने इक्विटी में निवेश का सफर शुरू किया।

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