लालू-राहुल की मुलाकात से महागठबंधन को फिर से मिली संजीवनी, NDA को मिला स्पष्ट संदेश

लालू-राहुल की मुलाकात से महागठबंधन को फिर से मिली संजीवनी, NDA को मिला स्पष्ट संदेश

Bihar Politics: दिल्ली चुनाव से पहले आईएनडीआईए में फूट की चर्चा के बाद बिहार के महागठबंधन के भविष्य पर सवाल उठने लगे थे। विरोधियों को उम्मीद थी कि महागठबंधन में दरार का फायदा उन्हें विधानसभा चुनाव में मिलेगा। लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान और फिर राजद प्रमुख लालू प्रसाद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुलाकात ने इन आशंकाओं को खत्म कर दिया।

बता दें कि,लालू-राहुल की मुलाकात ने महागठबंधन को लेकर बढ़ रहे संदेह को दूर कर दिया है। राहुल गांधी 18जनवरी को बिहार में आरक्षण रक्षा सम्मेलन में भाग लेने आए थे। इस दौरान उनकी मुलाकात लालू यादव से भी हुई। इस मुलाकात ने न केवल उनकी आपसी समझ को मजबूत किया, बल्कि महागठबंधन के भविष्य पर उठ रहे सवालों को भी नकार दिया।

विरोधियों को मिला स्पष्ट संदेश

विरोधियों को यह समझ में आ गया कि इतने सालों से एक साथ चल रहे दो दलों को तोड़ना आसान नहीं है। खासकर जब ममता बनर्जी ने आईएनडीआईए के नेतृत्व पर सवाल उठाए और नेतृत्व संभालने की इच्छा जताई। लालू ने ममता का समर्थन किया, लेकिन राहुल गांधी ने संयम बनाए रखा और तेजस्वी के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इससे यह संदेश गया कि महागठबंधन में कोई दरार नहीं है।

राहुल गांधी की पटना यात्रा ने पूरी राजनीतिक स्थिति को बदल दिया। उन्होंने सबसे पहले होटल मौर्या में तेजस्वी यादव से मुलाकात की और फिर राबड़ी देवी के घर पर लालू प्रसाद से मिले। इस दौरान लालू ने राहुल को हरे चने और भुंजा खिलाया और विधानसभा चुनाव पर चर्चा की।

महागठबंधन की एकजुटता का संदेश

लालू और राहुल की मुलाकात ने यह स्पष्ट कर दिया कि दोनों दल आगामी विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। इस मुलाकात से महागठबंधन के भविष्य पर नया विश्वास बना है और अब कोई विवाद नहीं होगा। यह एक सकारात्मक संकेत है कि महागठबंधन भविष्य में भी मजबूती से एक साथ रहेगा।

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