
Bihar Assemnly Election: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया ने चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस अभियान के दौरान, बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) की घर-घर जाकर की गई जांच में पाया गया कि बिहार की मतदाता सूची में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के कई व्यक्तियों के नाम शामिल हैं।
विशेष गहन संशोधन (SIR) क्या है?
चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची को अद्यतन और शुद्ध करने के लिए 25 जून से विशेष गहन संशोधन (SIR) शुरू किया है, जो 30 सितंबर 2025 तक चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची से फर्जी और अयोग्य मतदाताओं के नाम हटाना और केवल पात्र भारतीय नागरिकों को मतदान का अधिकार सुनिश्चित करना है। इसके लिए बूथ लेवल ऑफिसर्स घर-घर जाकर मतदाताओं की पहचान और पात्रता की जांच कर रहे हैं। मतदाताओं को अपने विवरण जैसे नाम, पता, जन्मतिथि, आधार नंबर और मतदाता पहचान पत्र नंबर के साथ गणना फॉर्म (Enumeration Form) जमा करना आवश्यक है।
SIR अभियान के दौरान, विशेष रूप से सीमांचल क्षेत्र (किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया) में, नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के कई व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में पाए गए। सूत्रों की मानें तो इन व्यक्तियों के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और अन्य दस्तावेज भी थे, जो संदिग्ध रूप से प्राप्त किए गए प्रतीत होते हैं। यह खुलासा विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सीमांचल क्षेत्र नेपाल और बांग्लादेश की सीमाओं से सटा हुआ है, और इसे अवैध घुसपैठ का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि इन व्यक्तियों के नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे। इसके लिए 01 अगस्त 2025 से गहन जांच शुरू होगी और दावों-आपत्तियों के लिए 30 अगस्त तक का समय दिया गया है। हालांकि, इस मामले में अभी तक आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।
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