Bangladesh Violence: ISKCON पर क्यों प्रतिबंध लगाना चाहती है बांग्लादेश सरकार? यूसूफ राज में हिन्दुओं पर जुल्मों की इंतहा

Bangladesh Violence: ISKCON पर क्यों प्रतिबंध लगाना चाहती है बांग्लादेश सरकार? यूसूफ राज में हिन्दुओं पर जुल्मों की इंतहा

Violence Aganist Hindu In Bangladesh: शेख हसीना का बांग्लादेश की सत्ता से बेदखल होने के बाद उम्मीद थी की प्रदर्शनकारी शांत हो जाएंगे लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। हालत ये हुई की सरकार विरोधी प्रदर्शन, हिन्दु विरोधी प्रदर्शन में बदल गया। जो अभी तक जारी है। अब हिन्दुओं पर अत्याचार का सबूत बांग्लादेश सरकार ने भी दे दिया है। क्योंकि 25 नवंबर को जैसे ही इस्कॉन के प्रवक्ता चिन्मय दास को गिरफ्तार किया गया। उसके बाद से स्पष्ट हो गया बांग्लादेश की युनूस सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है।

चिन्मय दास की गिरफ्तार के बाद बांग्लादेश तो हिन्दुओं पर सड़क पर उतरे ही, साथ में भारत सरकार ने बांग्लादेश को तलब कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर स्पष्टीकरण मांगा है। अब सवाल उठ रहा है कि सत्ता पर काबिज होने से पहले ढाकेश्वरी मंदिर जाकर हिन्दू को आश्वसन देने वाले मुहम्मद युनूस हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार क्यों नहीं रोक पा रहे हैं। या फिर दिक्कत हिन्दुओं से है।   

शेख हसीना के हटते ही हिन्दुओं पर अत्याचार                          

बांग्लादेश के हिंदुओं के सामने सबसे बड़ी मुसीबत तब आई, जब 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देने के बाद देश छोड़ना पड़ा। जिसके बाद शेख हसीना भारत आ गईं। उसके बाद बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू के ऊपर नई सरकार ने जुल्म-ओ-सितम की इंतहा कर दी है। आंकड़ों पर गौर करें तो, अगस्त से लेकर नवंबर महज चार महीने के अंदर-अंदर कम से कम 500 ऐसी घटनाएं हुईं, जिसमें हिंदुओं के घर जला दिए गए। उनके मंदिर जला दिए गए और उनके ऊपर हर वो जुल्म किया गया, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी।  

इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी क्यों?  

 बता दें कि बांग्लादेश में लगभग 40,000 से ज्यादा मंदिर है। जिसमें कम से कम 10,000 हजार इस्कॉन मंदिर है। अब सवाल उठ रहा है कि बाकी हिन्दू मंदिरों को छोड़कर बांग्लादेश सरकार इस्कॉन पर क्यों प्रतिबंध लगाना चाहती है। तो आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण। दरअसल, बांगलादेश में इस्कॉन का प्रभाव बढ़ गया है। इसकी वजह ये है कि इस्कॉन एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जिसे अपने लिए समर्थन जुटाना और दूसरे हिंदू मंदिरों की तुलना में आसान हो जाता है। इसके अलावा अभी इस्कॉन के ही बड़े संत चिन्मय प्रभु की अगुवाई में बांग्लादेश में एक नई संस्था बनी है, जिसका नाम है बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत है। यह समूह बांग्लादेश में हिंदुओं की बेहतर सुरक्षा की मांग कर रहा है। बांग्लादेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 

बांग्लादेश में ही घिर गई युनूस सरकार

ऐसे में बांग्लादेश की सरकार ने हिंदुओं की आवाज को दबाने के लिए चिन्मय प्रभु पर दबाव बनाया और जब वह नहीं माने तो उन्हें देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। इसका इकलौता मकसद सिर्फ ये है किचिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी से बांग्लादेश के हिंदू अपनी आवाज न उठ पाए लेकिन, मोहम्मद युनूस की सरकार ने जिस आवाज को दबाने की कोशिश की, वो आवाज और ज्यादा बुलंदी से उठी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मसले पर दखल दिया है और कहा है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ सही नहीं हो रहा है। वहीं, बांग्लादेश में भी मोहम्मद को मुंह की खानी पड़ी है क्योंकि, ढाका हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि वो इस्कॉन पर कोई बैन नहीं लगाने जा रहा है।   

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