भारत की अग्नि-5 ने दिखाया दम, मिशन दिव्यास्त्र ने 90 डिग्री टर्न के साथ दुनिया को चौंकाया

भारत की अग्नि-5 ने दिखाया दम, मिशन दिव्यास्त्र ने 90 डिग्री टर्न के साथ दुनिया को चौंकाया

Agni-5 Ballistic Missile: भारत ने हाल ही में अपनी मिसाइल तकनीक में एक और ऐतिहासिक परीक्षण कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित अग्नि-5बैलिस्टिक मिसाइल ने हाल ही में एक अभूतपूर्व प्रदर्शन किया, जिसमें इसने उड़ान के दौरान 90डिग्री का शार्प टर्न लिया। साथ ही, यह एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बनाता है। इस मिशन को मिशन दिव्यास्त्र नाम दिया गया।

अग्नि-5मिसाइल का सफल परीक्षण

दरअसल, 20 अगस्त को ओडिशा के चांदीपुर में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वीप से अग्नि-5मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। इस परीक्षण में मिसाइल ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक का उपयोग करते हुए कई लक्ष्यों को एक साथ निशाना बनाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। लेकिन इस बार सबसे खास बात थी मिसाइल का उड़ान के बीच में 90डिग्री का तीक्ष्ण मोड़ लेना, जो इसकी गतिशीलता और सटीकता को दर्शाता है। बता दें, यह तकनीकी उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में और मजबूती से स्थापित करती है, जिनके पास MIRV तकनीक है, जैसे - अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम।

90डिग्री शार्प टर्न

अग्नि-5 के उड़ान के दौरान 90 डिग्री का तीक्ष्ण मोड़ लेना एक ऐसी उपलब्धि है, जो मिसाइल की गतिशीलता और उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली को प्रदर्शित करती है। इस तरह का तीक्ष्ण मोड़ मिसाइल को दुश्मन के मिसाइल रक्षा तंत्र से बचने और अपने लक्ष्य को सटीकता के साथ भेदने में सक्षम बनाता है। यह तकनीक न केवल मिसाइल की गति और दिशा में बदलाव की क्षमता को दर्शाती है, बल्कि भारत के स्वदेशी सेंसर और अवियोनिक्स सिस्टम की ताकत को भी उजागर करती है।

अग्नि-5की विशेषताएं

अग्नि-5एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है। जिसकी मारक क्षमता 5,000किलोमीटर से ज्यादा है। यह 8,000किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है। इसके साथ अग्नि-5तीन चरणों वाले ठोस ईंधन से संचालित होती है। जो इसे उच्च दक्षता और त्वरित लॉन्च की क्षमता प्रदान करता है। यह मिसाइल 4-5न्यूक्लियर वॉरहेड्स ले जाने में सक्षम है, जो अलग-अलग लक्ष्यों को एक साथ निशाना बना सकते हैं। यह तकनीक मिसाइल रक्षा प्रणालियों को भेदने में सक्षम है। क्योंकि कई वॉरहेड्स और डिकॉय (नकली वॉरहेड्स) दुश्मन के रक्षा तंत्र को भ्रमित कर सकते हैं।

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