
राजेश खन्ना के हिन्दी सिनेमा में आने के पहले भारत में फिल्म कलाकारों को बड़ा सितारा माना जाता था। परन्तु राजेश खन्ना के आगमन ने भारतीय सिनेमा को पहला सुपरस्टार दिया जो हर तरह से बड़ा, भव्य और लोगों को दीवाना कर देने वाला था।
29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में जन्मे राजेश खन्ना बचपन में ही अपने माता-पिता द्वारा एक अन्य दंपत्ति को गोद दे दिए गए थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद राजेश खन्ना फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई चले आए। वह बॉलीवुड के ऎसे पहले स्ट्रगलर थे जो उस वक्त की सबसे महंगी कार एमजी स्पोर्टस यूज करते थे।
राजेश खन्ना ने फिल्म आखिरी खत, से हिन्दी सिनेमा में डेब्यू किया। इसके बाद उन्होंने कई फिल्में की लेकिन उन्हें पहचान फिल्म आराधना, से मिली। आराधना के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक के बाद लगातार कई सुपर डुपर हिट फिल्में देते हुए राजेश खन्ना हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के पहले सुपर स्टार बन गए।युवा लड़कियां उनके लिए जान देने को तैयार थी।
राजेश खन्ना ने अपने चार दशक लंबे अभिनय करियर में छह फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते। उन्हें हिन्दी सिनेमा में अपने योगदान के लिए वर्ष 2008 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया।
वर्ष 2012 में उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जटिल रोगों के उपचार हेतु मुंबई के लीलावती अस्पताल में एडमिट कराया गया। डॉक्टरों के अथक प्रयास भी देश के पहले सुपरस्टार को नहीं बचा सके और 18 जुलाई 2012 को राजेश खन्ना ने अपनी अंतिम सांस ली।
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