
नई दिल्ली : कॉलड्रॉप को लेकर सरकारी की तमाम संजीदगी के बावजूद समस्या हल होने का नाम नहीं ले रही है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई-सितंबर 2016 के दौरान एयरसेल के नेटवर्क पर सबसे अधिक कॉल ड्रॉप दर्ज की गईं।
एयरसेल के 22 में से 12 दूरसंचार सर्किलों में व्यस्त समय में कॉल ड्रॉप की शिकायतें दर्ज की गई। कॉल ड्रॉप की सबसे ऊंची 19.05 फीसदी की दर असम में देखी गई। ट्राई की इस रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य और भारी ट्रैफिक के दौरान एयरसेल के नेटवर्क पर सबसे ज्यादा कॉलड्रॉप दर्ज की गई हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार व्यस्त समय में असम, बिहार, जम्मू-कश्मीर तथा पूर्वोत्तर के दूरसंचार सर्किल में एयरसेल के नेटवर्क पर कॉलड्रॉप की शिकायत तय मानदंड से अधिक रहीं। ट्राई के मानदंडों के अनुसार किसी भी दूरसंचार नेटवर्क पर गैर व्यस्त समय में एक महीने में दो फीसदी से अधिक कॉल्स खुद नहीं कटनी चाहिए, वहीं व्यस्त समय में यह तीन फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए।
जानकारी के मुताबिक नियामक दूरसंचार कंपनियों के 2जी और 3जी नेटवर्क दोनों का परीक्षण करता है। कॉल ड्रॉप समस्या से निपटने के लिए सरकार ने एक इंटीग्रेटेड वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) लॉन्च कर दिया था।
यह दिल्ली और मुंबई समेत कई स्थानों पर लॉन्च किया गया ताकि कॉल इक्विटी पर सब्सक्राइबर्स की सीधी प्रतिक्रिया प्राप्त की जा सके। लोगों की प्रतिक्रियाओं को सीधे आपरेटर्स तक पहुंचाया जाएगा ताकि समस्याग्रस्त क्षेत्रों में सुधारात्मक कदम उठाए जाएं और कॉल ड्रॉप के मुद्दे का समाधान किया जा सके।
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