दुश्मनों की मुश्किल बढ़ाएगा नौसेना में शामिल परमाणु पनडुब्‍बी INS अरिहंत

दुश्मनों की मुश्किल बढ़ाएगा नौसेना में शामिल परमाणु पनडुब्‍बी INS अरिहंत

नई दिल्‍ली : भारतीय नौसेना की ताकत अब और ज्‍यादा बढ़ चुकी है। भारतीय नौसेना में गुपचुप तरीके से नई स्‍वदेशी परमाणु पनडुब्‍बी आईएनएस अरिहंत को शामिल कर लिया गया है।

एक अंग्रेजी न्‍यूज चैनल न्‍यूज एक्‍स द्वारा किए गए दावे के अनुसार फरवरी 2016 में इसे ऑपरेशन के लिए तैयार घोषित किया गया था जिसके बाद अगस्‍त 2016 में पीएम मोदी ने बेहद गुप्‍त कार्यक्रम में इस पनडुब्‍बी को नौसेना को सौंप दिया। इसके साथ ही भारत का छठा ऐसा देश बन गया है जिसके पास जल, थल और वायु में परमाणु ताकत का त्रय पूरा हो चुका है। भारत से पहले अमेरिका, यूके, फ्रांस, रूस और चीन के पास यह त्रय पूरा हो चुका है।

रूस की मदद से बनी है आईएनएस अरिहंत

भारत की यह स्‍वदेशी पनडुब्‍बी रूस के मदद से बनी है। 6 हजार टन की आईएनएस अरिहंत 83 मेगावाट के प्रेशराइज्‍ड लाइट वाटर न्‍यूक्‍लीयर रिएक्‍टर से ताकत प्राप्‍त करती है। इस प्रोजेक्‍ट को बनाने का काम 1980 के एडवांस टेक्‍नोलॉजी वेसल के तकत शुरू किया गया था और यह 2009 में तत्‍कालीन पीएम मनमोहन सिंह द्वारा लॉन्‍च की गई थी। उसके बाद से ही इसके ट्रायल चल रहे थे।

700 किमी तक कर सकती है हमला

आईएनएस अरिहंत बेहद एडवांस पनडुब्‍बी है और यह 700 किमी तक की रेंज में हमला कर सकती है। इसे के-15 मिसाइल से लेस किया जाएगा। इसके नौसेना में शामिल होने के बाद सेना की ताकत में इजाफा होगा। हालांकि इसे पूरी तरह से नो फर्स्‍ट यूज की नीति के तहत बनाया गया है। इसका मतलब भारत पर अगर परमाणु हमला होता है तो भारत इसका जवाब दे सकता है। 

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