
पटना : राज्य में अब सभी सरकारी कामों में वित्तीय लेन-देन ऑनलाइन होगा। एक अप्रैल, 2017 से इसकी शुरुआत करने की तैयारी अंतिम चरण में है। इसके लिए वित्त विभाग कॉम्प्रेहेंसिव फिनांशियल मैनेजमेंट सिस्टम (सीएफएमएस) विकसित कर रहा है। इस नयी प्रणाली में सैलरी, पेंशन, अनुदान से लेकर सभी योजनाओं में राशि ट्रेजरी से सीधे लाभुकों के बैंक खातों में ट्रांसफर होगी। इस प्रणाली को विकसित करने में करीब 150 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. ऐसे तो इस योजना पर वर्ष 2012 से ही काम चल रहा है, लेकिन बीच में इसका काम रुक गया था। अब इसे फिर से युद्ध स्तर पर पूरा करने की कवायद शुरू है।
सीएफएमएस के तहत सरकार की सभी ट्रेजरी और विभागों के खाते आपस में जुड़ जायेंगे. किसी विभाग को उसकी बजट राशि समेत अन्य सभी योजनाओं के तहत आवंटन ऑनलाइन ट्रांसफर किया जायेगा. किसी तरह के बिल के भुगतान की पूरी प्रक्रिया ही समाप्त हो जायेगी.
बजट, पेमेंट, टैक्स, पेंशन, सैलरी, अनुदान समेत किसी भी योजना के तहत किसी तरह की राशि सीधे ट्रेजरी से लाभुक के बैंक खाते में जायेगी। वित्त विभाग ने सीएफएमएस को सुचारु ढंग से लागू करने के लिए सभी विभागों को अपनी-अपनी योजनाएं और उनसे जुड़े लोगों का विवरण बैंक एकाउंट नंबर के साथ देने के लिए कहा है। कई जिलों में दियारा समेत अन्य दुर्गम इलाकों के लोगों के पास किसी तरह की बैंकिंग सुविधा नहीं है। ऐसे स्थानों को चिह्नित कर इनकी सूची सभी डीएम को भेजने के लिए कहा गया है। इन स्थानों पर फिलहाल सीएफएमएस शुरू नहीं किया जायेगा. यहां पहले बैंकिंग समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के बाद ही इसे शुरू किया जायेगा, जिसमें दो से तीन महीने का समय लगेगा. हालांकि, राज्य में ऐसे इलाकों की संख्या कम है।
मॉनीटरिंग के लिए कमेटी भी
सीएफएमएस को विकसित करने के लिए सॉफ्टवेयर कंपनी टीसीएस से करार किया गया है. इनके कार्यों और प्रणाली की टेस्टिंग और हर पहलू पर इसे परखने के लिए वित्त विभाग के प्रधान सचिव की देखरेख में प्रोजेक्ट स्टेरिंग एंड मॉनीटरिंग कमेटी का गठन किया गया है।
मुख्य सचिव के स्तर पर भी इसकी बीच-बीच में बैठक होती है. इस कमेटी में वित्त विभाग के तमाम मुख्य अधिकारियों के अलावा महालेखाकार, आरबीआइ, एसबीआइ, बेल्ट्रॉन और सभी विभागों के प्रतिनिधि शामिल हैं। सभी मिल कर इसकी समीक्षा करते हैं. ऑनलाइन ट्रांसफर और सुरक्षा से जुड़े सभी पहलूओं की स्कैनिंग करते हैं, जिससे एक फूल-प्रूफ सिस्टम तैयार हो सके।
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