
नई दिल्ली : भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए डील हो चुकी है। दिल्ली में भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और फ्रांस के रक्षा मंत्री जीन येव्स ले डेरियन ने इस डील पर हस्ताक्षर किए। भारत फ्रांस से अगले 66 महीने में 7.78 अरब यूरो (करीब 59 हजार करोड़ रुपए) के इस सौदे के तहत 36 लड़ाकू विमान खरीदेगा।
इस डील के बाद अब राफेल फायटर प्लेन का निर्माण करने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसाल्ट इन विमानों को न केवल वायुसेना को उपलब्ध कराएगी, बल्कि हवा से दुश्मन पर अचूक निशाना लगाने वाली हथियार प्रणाली भी सौंपेगी।
दुश्मनों पर कहर बनकर टूटता है राफेल, बढ़ेगी सेना की ताकत
राफेल विमानों की खरीद सीधे डसाल्ट से करने की जगह भारत ने फ्रांस सरकार के साथ समझौते की राह अपनाने फैसला लिया है। राफेल खरीद समझौते की इस रकम में इसके रखरखाव से लेकर मिसाइल प्रणाली आदि भी शामिल होंगे। डसाल्ट भारतीय वायुसेना और उसके पायलटों को प्रशिक्षण भी देगी।
समझौते में यह प्रावधान भी है कि विमानों के साथ मिलने वाले हथियारों और मिसाइलों के रख रखाव का डिपो तैयार नहीं होने की स्थिति में फ्रांस छह माह तक अपने यहां इन सामनों को रखेगा और कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा। इतना ही नहीं कंपनी विमान के कल पुर्जे सात साल तक शुरुआती मूल्य पर ही मुहैया कराएगी।
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