
नई दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में बीते दो साल से बंद एमफिल-पीएचडी का अध्ययन फिर से शुरू हो रहा है। विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में इस विषय में बनी सहमति के बाद विश्वविद्यालय ने इस विषय को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष उठाया था। मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इस विषय में अपना एतराज वापस ले लिया है।
यूजीसी ने वर्ष 2014 में यह कहते हुए इग्नू में एमफिल व पीएचडी की पढ़ाई पर रोक लगा दी थी कि विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा व्यवस्था के अंतर्गत चलता है, इसलिए यहां ये पाठ्यक्रम नहीं चल सकते। यूजीसी के इस फरमान के बाद से ही न सिर्फ इग्नू बल्कि देश के विभिन्न दूरस्थ शिक्षा प्रदान करने वाले विश्वविद्यालयों में एमफिल पीएचडी का अध्ययन बंद हो गया था। विद्यार्थी इन्हें फिर से शुरू करने की मांग कर रहे थे।
इग्नू के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य प्रो. कपिल कुमार ने बताया कि गत दिनों मैनेजमेंट की बैठक में इस विषय में विस्तार से चर्चा हुई थी। सदस्यों ने मंत्रालय के समक्ष अपना पक्ष रखा। प्रो. कपिल कुमार ने कहा कि चूंकि विश्वविद्यालय संसद से पारित एक्ट के अंतर्गत बना है, इसलिए यूजीसी के पास इस बात का अधिकार ही नहीं है कि वह उसे एमफिल-पीएचडी कराने से रोके।
जहां तक कोर्स वर्क व अन्य विषयों की बात है तो इग्नू यूजीसी के निर्देशों से पहले भी इन सभी बातों का पालन करता रहा है। सूत्र बताते हैं कि मानव संसाधन विकास मंत्री के सीधे हस्तक्षेप के बाद यूजीसी ने इस विषय में सहमति दे दी है और इससे संबंधित कागजी कार्यवाही भी पूरी हो गई है।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों की मानें तो इसी सप्ताह फिर से एमफिल-पीएचडी शुरू करने की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। गौरतलब है कि दूरस्थ शिक्षा व्यवस्था के अंतर्गत इग्नू से करीब 30 लाख विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
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