
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) भोपाल में फैकल्टी के इंटरव्यू सितम्बर में होंगे। इसके लिए सिलेक्शन कमेटियों का गठन कर दिया गया है। हर विभाग के राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को लेकर कमेटियां बनाई गई हैं। इसमें जिपमर, एम्स व पीजीआई चंढ़ीगड़ के विशेषज्ञ शामिल हैं। उम्मीद है नवंबर तक कम से कम 100 फैकल्टी एम्स को मिल सकती है।
एम्स में अप्रैल माह में 251 पदों के लिए विज्ञापन निकाले गए थे। आवेदन के बाद अभी तक दस्तावेजों की स्क्रूटनी चल रही थी। यह प्रक्रिया अब पूरी हो गई है। अगले महीने से साक्षात्कार होंगे। उम्मीद की जा रही है कि अक्टूबर के अंत या नवम्बर तक एम्स में फैकल्टी के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
एम्स प्रबंधन ने भले ही 251 पदों के लिए विज्ञापन निकाले हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद करीब 100 फैकल्टी के आने की है। बचे हुए पदों के लिए दोबारा विज्ञापन निकाला जाएगा। एम्स को 251 पदों के लिए 1600 आवेदन प्राप्त हुए हैं। लेकिन चयन के लिए कठोर शर्तों के चलते पूरे पद भरे जाने की उम्मीद कम ही है।
अभी सिर्फ 57 फैकल्टी
एम्स में अभी सिर्फ 57 फैकल्टी हैं। इसके चलते अस्पताल में मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। अस्पताल में इमरजेंसी और ट्रामा की सर्विस अभी तक शुरू नहीं हो पाई हैं। जबकि अस्पताल चलाने के लिए यह सबसे जरूरी शर्त है। डॉक्टरों की कमी के कारण स्त्री रोग विभाग में डिलेवरी शुरू नहीं हो पा रही है। ओपीडी में मरीजों की भारी भीड़ रहती है, लेकिन ज्यादातर डॉक्टर 50 मरीजों से ज्यादा नहीं देखते हैं
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