
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व शिक्षा सबका अधिकार कहने मात्र से बेटियां शिक्षित नहीं हो पाएंगी। सरकार द्वारा बेटियों को पढ़ाने व शिक्षा के स्तर में सुधारने के दावे फेल होते नजर आ रहे है। इसका उदाहरण पुंडरी हलके के गांव दुसैन का राजकीय उच्च विद्यालय है जिससे पता चलता है कि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है।
स्कूल में 8 अध्यापकों का स्टाफ होना चाहिए लेकिन स्कूल में सिर्फ 4 ही अध्यापक हैं। ना ही स्कूल में 2004 से कोई मुख्याध्यापक है।
स्कूल का परिणाम बिल्कुल खराब आने से अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी अभिभावक गाँव के सरपंच को लेकर स्कूल में पहुंचे और स्कूल को ताला लगाने की बात कही। अभिभावको ने बताया कि सरकारी स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला करवा कर वो पछता रहे है।

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