
पतंजलि के उत्पादों की बढ़ती मांग से डाबर के बाजार पर फर्क पड़ा है। डाबर के चेयरमैन आनंद सी बर्मन ने खुद अपनी कंपनी के उत्पादों को लेकर चिंता जताई है। बर्मन चाहते हैं कि उनकी कंपनी घरेलू उत्पादों में आयुर्वेद की भागीदारी बढ़ाए। बर्मन ने शेयरहोल्डर्स को घरेलू उत्पादों में आयुर्वेद की बढ़ती अहमियत के बारे में अवगत कराया। बर्मन ने आयुर्वेद उत्पादों की बढ़ती मांग की वाली बात वित्त वर्ष 2015-16 की डाबर की सालाना रिपोर्ट में कहीं।
डाबर की पहचान हर्बल और आयुर्वेद उत्पाद बनाने वाली कंपनी के तौर पर हमेशा से रही है। डाबर के वाटिका हेयर केयर, फेम ब्लीच और रियल जूस जैसे उत्पादों ने बाजार में खूब धमाल मचाया है। लेकिन पतंजलि और इसके जैसे ही अन्य देसी कंपनियों के उत्पादों से डाबर को कड़ी टक्कर मिल रही है। साल भर में पतंजलि ढेरों उत्पाद बाजार में लाई है। पतंजलि का सलाना टर्न ओवर 5000 करोड़ का बताया जा रहा है। पतंजलि के अलावा आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर के श्रीश्री आयुर्वेद और हरियाणा के बाबा गुरु गुरमीत राम रहिम भी आयुर्वेदिक उत्पाद बनाते हैं, इसलिए नैचुरल सेगमेंट में डाबर की चिंता लाजमी है। बर्मन ने संकेत दिए हैं कि आने वाले वक्त में डाबर आयुर्वेद में अच्छा-खासा निवेश करेगी।
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