भारत-मॉरिशस में अहम टैक्स समझौता हुआ

भारत-मॉरिशस में अहम टैक्स समझौता हुआ

भारत ने टैक्स चोरी रोकने के लिए मॉरिशस से टैक्स करार में बड़े बदलाव किया है। अब मॉरिशस के रास्ते आए निवेश पर सरकार कैपिटल गेन टैक्स लगाएगी। भारत और मॉरिशस के बीच दोहरा टैक्स रोकने के समझौते में बदलाव पर सहमति हो गई है। अब मॉरिशस के रास्ते आने वाले निवेश पर भारत में कैपिटल गेन टैक्स लगाया जा सकेगा। इसका सीधा मतलब ये है कि सिर्फ टैक्स बचाने के लिए मॉरिशस में दफ्तर खोलने वाली कंपनियों का रास्ता अब बंद हो गया है। बता दें कि ये कैपिटल गेन टैक्स अप्रैल 2017 से लगेगा। 2017 मार्च से पहले आए निवेश पर टैक्स नहीं लागू होगा। अप्रैल, 2017 से मार्च, 2019 तक घरेलू दर का 50 फीसदी यानी 7.5 फीसदी टैक्स लगेगा। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांता दास का कहना है कि ये समझौता भारत के लिए अहम है। इस समझौते से राउंड ट्रिपिंग पर रोक लगेगी।

गौरतलब है कि भारत में 40 फीसदी निवेश मॉरिशस से आता है। इंटरनेशनल टैक्स एक्सपर्ट टी पी ओस्तवाल का कहना है कि ये फैसला सही है। साथ ही उन्होने ये भी साफ किया कि मार्च 2017 से पहले आए निवेश पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा। इस समझौते से कई फायदे होंगे। इससे भारत-मॉरिशस के बीच फंड घुमाने का सिलसिला खत्म होगा। सरकार को राजस्व का नुकसान कम होगा। मॉरिशस से आने वाले फंड पर टैक्स लग सकेगा। भारत और मॉरिशस के बीच सूचना का आदान-प्रदान बढ़ेगा, टैक्स मामलों में पारदर्शिता आएगी और टैक्स की चोरी रुकेगी। एडेलवाइस के प्रेसिडेंट और सीईओ विकास खेमानी का कहना है कि मॉरिशस से निवेश पर कैपिटल गेन टैक्स लगाना अच्छा कदम है। देश में काला धन को रोकने में भी सरकार का ये कदम कारगर होगा। निवेशकों को विकास खेमानी की सलाह है कि वे मॉरिशस टैक्स संधि के बाद बाजार में निवेश घटाएं नहीं। इस संधि से छोटी अवधि में थोड़ी गिरावट संभव है लेकिन इससे घबराएं नहीं।

 

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