
निर्यातकों को भारत वाणिज्यिक निर्यात योजना (एमईआईएस) के तहत लाभ लेने के लिए अब सामान के गंतव्य तक पहुंचने का प्रमाणपत्र नहीं देना होगा। सरकार ने इस बारे में नियमों को सरल किया है। इस कदम का मकसद कारोबार सुगमता है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, एमईआईएस योजना के तहत 5,012 तरह के उत्पाद आते हैं। इनमें से 2,787 तरह के उत्पादों के लिए गंत्वयय स्थान पर सामान के उतरने का प्रमाणपत्र देना जरूरी है। अब एमईआईएस के तहत सामान पहुंचने का प्रमाणपत्र नहीं देना होगा। इस कदम का उद्देश्य देश में कारोबार सुगमता की स्थिति बनाना है, जिससे निर्यात को प्रोत्साहन दिया जा सके। दिसंबर, 2013 से निर्यात लगातार नकारात्मक दायरे में बना हुआ है। इस योजना के तहत सरकार उत्पाद तथा देश के आधार पर 2 प्रतिशत, 3 प्रतिशत तथा 5 प्रतिशत का शुल्क लाभ देती है। मार्च में निर्यात में लगातार 16वें महीने गिरावट आई। माह के दौरान निर्यात 5.47 प्रतिशत घटकर 22.71 अरब डॉलर रह गया। समूचे 2015-16 के वित्त वर्ष में निर्यात 15.8 प्रतिशत घटकर पांच साल के निचले स्तर 261.13 अरब डालर पर आ गया।

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