इक्विटास होल्डिंग्स के आईपीओ को 17 गुना आवेदन मिला

इक्विटास होल्डिंग्स के आईपीओ को 17 गुना आवेदन मिला

विदेशी संस्थागत निवेशकों की सहभागिता नहीं होने के बावजूद इक्विटास होल्डिंग्स के 2170 करोड़ रुपये के आईपीओ को 17 गुना आवेदन मिला। 13.90 करोड़ शेयरों की पेशकश के बदले कंपनी को 239 करोड़ शेयरों के लिए करीब 26,200 करोड़ रुपये की बोली मिली। आईपीओ पूर्व उच्च शेयरधारिता के चलते एफआईआई को इस इश्यू में भागीदारी की अनुमति नहीं दी गई थी। छोटे वित्तीय बैंक के पहले आईपीओ की निवेशकों की सभी श्रेणियों में भारी मांग देखने को मिली। यह आईपीओ पिछले साल अक्टूबर में पेश 3000 करोड़ रुपये के इंटरग्लोब एविएशन के आईपीओ के बाद दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ था।

क्यूआईबी श्रेणी में करीब 15 गुना आवेदन मिले, जिसकी अगुआई म्चुयुअल फंडों ने की। गैर-संस्थागत या एचएनआई श्रेणी में 57 गुना से ज्यादा आवेदन मिले क्योंकि धनी निवेशकों ने सूचीबद्धता के दौरान फायदा हासिल करने के लिए इसमें बोली लगाई। खुदरा श्रेणी में 1.3 गुना आवेदन मिला। निवेश बैंकरों व विश्लेषकों ने कहा कि निवेशकों को माइक्रो फाइनैंस के क्षेत्र में लंबी अवधि की क्षमता नजर आई, जिसमें इक्विटास परिचालन करती है। कंपनी का माइक्रोफाइनैंस कारोबार पिछले पांच सालों में सालाना 42 फीसदी की चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। 

ऐंजल ब्रोकिंग के विश्लेषकों सिद्धार्थ पुरोहित और चिंतन शाह ने एक नोट में कहा, इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं क्योंकि माइक्रोफाइनैंस कम आय वाले क्षेत्रों को लक्षित करता है, जहां अक्सर औपचारिक वित्तीय स्रोत तक पहुंच का अभाव नजर आता है। आईपीओ की सूचीबद्धता के बाद एफआईआई इसके शेयर खरीद पाएंगे क्योंकि उनका मालिकाना हक करीब 93 फीसदी से घटकर 35 फीसदी पर आ जाएगा, जिससे एफआईआई के लिए इसमें निवेश की गुंजाइश बनेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने छोटे वित्तीय बैंक में एफआईआई के लिए निवेश की सीमा 49 फीसदी तय की है।

 

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