
आने वाले दिनों में केंद्र सरकार ने पूर्वी राज्यों के सभी परिवारों को एल.पी.जी. कनैक्शन से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए उसने एल.पी.जी. आपूर्ति के लिए बजट में जो 2000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है, उसका एक बड़ा हिस्सा बिहार, झारखंड, प. बंगाल, ओडिशा और असम जैसे पूर्वी राज्यों में खास तौर पर खर्च किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पैट्रोलियम मंत्री ने इसको लेकर एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है, जिससे लगभग 5 करोड़ परिवारों को चूल्हे और धुएं से होने वाले नुक्सान से बचाया जा सके।
हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इनमें से कुछ राज्यों में आने वाले दिनों में चुनाव होने हैं और जो भाजपा के लिए काफी महत्व रखते हैं। इनमें से पश्चिम बंगाल और असम में अप्रैल-मई के महीने में ही चुनाव होने हैं। पैट्रोलियम मंत्री के इस कदम का बचाव करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि पूर्वी राज्यों में बी.पी.एल. परिवारों का यह डेटा तेंदुलकर कमेटी के सुझावों के आधार पर लिया गया है। उन्होंने कहा, जब बी.पी.एल. परिवारों की बात होती है तो बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल इनमें सबसे ऊपर है।
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आम बजट में गरीब परिवारों की महिला सदस्य के नाम से एल.पी.जी. कनैक्शन उपलब्ध कराने के लिए एक मिशन आरंभ करने का निर्णय लिया था। एल.पी.जी. कनैक्शन को उपलब्ध कराने की आरंभिक लागत पूरी करने के लिए इस वर्ष के बजट में 2000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई। अपने भाषण में जेटली ने कहा था कि इससे वर्ष 2016-17 के दौरान गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लगभग 1.5 करोड़ परिवारों को लाभ होगा। यह योजना कम से कम 2 वर्ष तक जारी रहेगी, ताकि इसके तहत 5 करोड़ बी.पी.एल. परिवारों को शामिल किया जा सके।
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