जल्द ही होगा सरकारी बैंकों का फिर से विलय

जल्द ही होगा सरकारी बैंकों का फिर से विलय

सरकार एक बार फिर से सरकारी बैंकों के विलय का फैसला ले सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके संकेत दिए है। उन्होंने कहा कि समय आने पर इस पर विचार किया जाएगा। घाटे से जूझ रहे सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों की सेहत सुधारने के लिए जेटली ने एक कार्यक्रम के दौरान इसके संकेत दिए। जेटली ने बैंकों की हालत सुधारने के लिए करीब दो दर्जन से ज्यादा सरकारी बैंकों के विलय का इशारा किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अभी विलय करने वालों बैंकों की संख्या का तय नहीं की गई है। ये प्रक्रिया कब और कैसे शुरू की जाएगी, ये भी निश्चित नहीं किया गया है। साथ ही विलय के बाद कितने बैंक बचेंगे इस पर भी अभी विचार नहीं किया गया है। जेटली ने बताया कि इसके लिए एक टीम बनाई जाएगी जो इन सभी मुद्दों पर विचार करेगी। 

इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने भी बैंकों के विलय के अनुमान को जल्दबाजी बताया था। बैंकों के विलय का बैंकर्स ने भी स्वागत किया है। साथ ही सरकार को सलाह दी है कि एक विशेष समिति का गठन कर इसकी रूपरेखा तैयार की जाए। बात अगर देश की बैंकिंग इंडस्ट्री की करें तो देश की बैंकिंग इंडस्ट्री का दो तिहाई से ज्यादा हिस्सा सार्वजनिक उपक्रम के बैंक के पास है। इस सभी पर 8 लाख करोड़ से ज्यादा का एनपीए भी है। जिसकी वजह से इन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्योंकि देश की 40 फीसदी आबादी की पहुंच बैंक तक नहीं है इसीलिए बैंकिंग एनालिस्ट भी इतनी बड़ी संख्या पर सवाल उठाते रहे है।

 

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