चारा घोटाले में सजा काट रहे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद जेल द्वारा देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में झारखंड हाइकोर्ट में दायर की गई जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
दरअसल, चारा घोटाले के देवघर और चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल और पांच साल की सजा सुनाई है। इस फैसले को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। लालू की ओर से देघघर मामले में जमानत याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान जबलपुर कोर्ट के वकील राजेंद्र सिंह ने कोर्ट में लालू प्रसाद की ओर से दलील रखी।
कोर्ट ने उनकी दलील मानने से इंकार कर दिया। बता दें कि चारा घोटाले के पांच मामलों में से तीन पर सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। डोरंडा और दुमका कोषागार से जुड़े दो मामलों में स्पीडी ट्रायल जारी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद राजद नेताओं और समर्थकों के बीच निराशा छा गई है। इस मामले पर जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि यह न्यायपालिका का फैसला है। देश में कानून का राज है। कानून तो यह नहीं कहता कि पहले आप अराजकता फैला दीजिए और बाद में हाथ जोड़कर यह कहिए कि हुजूर, हमसे गलती हो गई है। लालू यादव ने तो अपने पूरे परिवार को फंसा दिया। पाप कितने दिनों तक छिपता है। एक न एक दिन वह सामने आता है और उसकी सजा भोगनी पड़ती है।
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