Lok sabha elections 2024: भारत निर्वाचन आयोग ने अनंतनाग में मतदान की तारीख बदल दी है। अब यहां 7 मई की जगह 25 मई को वोटिंग होगी। चुनाव आयोग ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि यहां नामांकन की पूरी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ऐसे में अनंतनाग और राजौरी लोकसभा सीटों पर कोई अन्य बदलाव नहीं होगा। सिर्फ वोटिंग की तारीख में बदलाव किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में इन दिनों मौसम बेहद खराब है। बारिश और बर्फबारी के कारण कई सेवाएं प्रभावित हैं। ऐसे में बहुत कम मतदान की संभावना बढ़ गई थी। कई राजनीतिक दलों और नेताओं ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर खराब मौसम का हवाला देकर अनंतनाग-राजौरी सीट पर चुनाव टालने की मांग की थी।
भारत निर्वाचन आयोग ने इसे स्थगित नहीं किया है बल्कि इसे बढ़ा दिया है। भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रविंदर रैना, अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता इमरान अंसारी और कई अन्य लोगों ने इस संबंध में चुनाव आयोग को अपनी दलीलें सौंपी थीं।
गौरतलब है कि कश्मीर घाटी की श्रीनगर, अनंतनाग-राजौरी और बारामूला लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। इन तीनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है। यहां असली मुकाबला पीडीपी और एनसी के बीच है। एनसी को कांग्रेस पार्टी ने समर्थन दिया है। ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि तीनों सीटों पर किसका पलड़ा भारी रहता है।
कौन-कौन यहां से उम्मीदवार?
बीजेपी ने अभी तक अनंतनाग-राजौरी सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती मैदान में हैं। अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी ने जफर इकबाल मन्हास और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मियां अल्ताफ को मैदान में उतारा है। जफर इकबाल जहां पहाड़ी लेखक हैं, वहीं मियां अल्ताफ गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। मियां अल्ताफ की पुंछ और राजौरी में अच्छी पकड़ मानी जाती है।
इस सीट पर वोट घटने के भी आसार हैं। अपनी पार्टी को पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वोटों में सेंध लगाने की उम्मीद है। वोट बंटने की संभावना इसलिए भी है क्योंकि इंडिया ब्लॉक की दो पार्टियां- नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी, दोनों ही यहां से चुनाव लड़ रही हैं।
अभी तक बीजेपी ने यहां से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी यहां से चुनाव लड़ सकती है। हालाँकि, कुछ तस्वीरें अभी तक स्पष्ट नहीं हैं। अगर बीजेपी यहां उम्मीदवार उतारती है तो मुख्य मुकाबला बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच होने की संभावना है।
जानकारों का मानना है कि बीजेपी को गुज्जर-बक्करवाल और हिल्स से समर्थन मिल सकता है। वहीं, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के आने से मुस्लिम वोट बंट सकते हैं, लेकिन हिंदू वोट एकजुट हो सकते हैं, जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है।
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