ईरान और इजराइल के बीच चल रहे तनाव और अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हालिया हमलों के बाद, ईरानी संसद ने 22 जून 2025 को होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह फैसला वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, विशेष रूप से भारत जैसे देशों पर, जो अपनी तेल आवश्यकताओं के लिए इस जलमार्ग पर काफी हद तक निर्भर हैं। हालांकि, इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को लेना है। ...
सीरिया की राजधानी दमिश्क के ड्वैला इलाके में स्थित मार एलियास (सेंट एलियास) चर्च में रविवार, 22 जून 2025 को प्रार्थना सभा के दौरान एक भयावह आत्मघाती हमला हुआ। इस हमले में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। सीरियाई गृह मंत्रालय ने पुष्टि की है कि हमलावर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़ा था। यह हमला सीरियाई शासन के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्र में हुआ, जिसने देश में सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ...
अमेरिका ने रविवार को तड़के सुबह ईरान के खिलाफ एक बेहद गुप्त और बड़ी सैन्य कार्रवाई की। इस ऑपरेशन का नाम 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' रखा गया है। पेंटागन के मुताबिक, इस ऑपरेशन में अमेरिका के 125 से ज्यादा लड़ाकू विमान और मिसाइलें शामिल थीं। ...
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध ने मध्य पूर्व को एक बार फिर अस्थिरता के कगार पर आ खड़ा है। इस बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। खबरों के मुताबिक 86 वर्षीय खामेनेई इजरायली हमलों के डर से तेहरान के एक गुप्त भूमिगत बंकर में छिपे हुए हैं। उनके परिवार जिसमें बेटे मोजतबा खामेनेई भी शामिल हैं इस बंकर में उनके साथ हैं। ...
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव अब वैश्विक संकट का रूप लेता दिख रहा है। हाल के घटनाओ ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाओं को और हवा दी है। अमेरिका ने इजरायल को खुला समर्थन देने की घोषणा की है। जबकि ईरान ने रूस से सैन्य सहायता की मांग की है। यह स्थिति वैश्विक शक्तियों को दो खेमों में बांट रही है जिससे दुनिया एक बड़े युद्ध के कगार पर खड़ी दिखाई दे रही है। ...
अमेरिका ने आखिरकार वह कदम उठा ही लिया जिसके लिए लम्बे समय से तैयारी मे था। आज सुबह ईरान के भूमिगत परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बमों से सटीक हमले किए। अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु ठिकानों पर GBU-57 बंकर बस्टर बमों की बारिश की, जो दुनिया का सबसे घातक गैर-परमाणु हथियार माना जाता है। इन हमलों में 60-90 मीटर गहराई में बने ठिकाने भी ध्वस्त हो गए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया। “फोर्डो अब खत्म हो चुका है,” जबकि ईरानी अधिकारियों ने कहा कि ठिकानों को पहले ही खाली कर लिया गया था। ...
Iran-Israel War: इजरायल और ईरान के बीच तनाव अब खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। रविवार, 22जून 2025की सुबह करीब 4:30बजे अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों पर हवाई हमले किए। इन हमलों से गुस्साए ईरान ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए उसी दिन इजरायल के कई ठिकानों पर हमला बोला, जिसमें तेल अवीव के नजदीक बेन गुरियन हवाई अड्डा भी शामिल था। ईरान ने हाइफा और तेल अवीव पर दो चरणों में 27मिसाइलें दागीं, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 11लोग घायल हुए। इजरायल रक्षा बल (IDF) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, "ईरान द्वारा एक और मिसाइल हमले के कारण पूरे इजरायल में हवाई हमले के सायरन बज रहे हैं।" ...
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने वैश्विक तेल आपूर्ति को खतरे में डाल दिया है। जिसका सीधा असर भारत के तेल आयात पर पड़ सकता है। इस संकट को देखते हुए भारत ने अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक बदलाव किए हैं। सरकार ने तेल आयात के स्रोतों में विविधता लाने और रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (SPR) को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। ...
Iran On America Strike: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष में अमेरिका की एंट्री हो चुकी है। अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हवाई हमले किए हैं। वहीं, इन हमलों के बाद ईरान ने अपना पहला आधिकारिक बयान जारी किया है। ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था (AEOI) ने दावा किया है कि इन हमलों में न तो कोई जान गई और न ही रेडिएशन लीक का कोई खतरा है। इसके साथ ही, ईरान ने इन हमलों को "अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन" करार देते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। ...
America Attacked Iran: ईरान-इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में अब सुपर पावर देश की एंट्री हो चुकी है। रविवार सुबह 4:30बजे अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट्स पर हमला कर दिया। ये ठिकाने फोर्डो, नतांज और इस्फहान हैं। इन हमलों को अंजाम देने के लिए अमेरिकी वायु सेना ने सबसे अडवांस फाइटर जेट B-2बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया। सूचना के अनुसार इन बमवर्षकों ने हजारों किलोग्राम के बम इन तीन साइट्स पर गिराए हैं, जो खास तौर से बंकर बस्टर बम के नाम से मशहूर हैं। ...