इजराइल के हमले के बाद ईरान को आई पाकिस्तान की याद, दौरे के पीछे क्या है एजेंडा?

इजराइल के हमले के बाद ईरान को आई पाकिस्तान की याद, दौरे के पीछे क्या है एजेंडा?

Iran President Visit To Pakistan: ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रायसी सोमवार को पड़ोसी देश पाकिस्तान के ऐतिहासिक दौरे पर पहुंचे। 7 साल बाद किसी ईरानी राष्ट्रपति की यह पहली पाकिस्तान यात्रा है। इस्लामाबाद हवाईअड्डे पर ईरानी राष्ट्रपति का रेड कारपेट पर स्वागत किया गया। ईरानी राष्ट्रपति रायसी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब उनका देश इजराइल और अमेरिका के साथ युद्ध जैसे हालात में है।पहले कहा जा रहा था कि इजरायल के साथ मिसाइल युद्ध के बाद ईरानी राष्ट्रपति इस दौरे को रद्द कर सकते हैं, लेकिन रायसी अब पाकिस्तान पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि ईरानी राष्ट्रपति ने अमेरिका और इजराइल को संदेश देने के लिए यह दौरा शुरू किया है। इस बीच पाकिस्तान द्वारा ईरानी राष्ट्रपति का स्वागत करने पर अमेरिका भड़क गया है।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, ईरानी राष्ट्रपति अगले 3 दिनों तक पाकिस्तान में रहेंगे और गैस पाइपलाइन से लेकर पूरे क्षेत्र की स्थिति पर पाकिस्तान के साथ चर्चा करेंगे। इससे पहले पाकिस्तान और ईरान दोनों ने एक-दूसरे पर मिसाइलों से हमला किया था, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। विश्लेषकों का कहना है कि इस दौरे के जरिए ईरानी राष्ट्रपति तनाव खत्म करने की कोशिश करेंगे।ईरानी राष्ट्रपति के साथ कई मंत्री, शीर्ष अधिकारी और कारोबारी भी पाकिस्तान पहुंचे हैं। ईरानी राष्ट्रपति पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, पीएम शाहबाज शरीफ समेत शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे।

पाकिस्तान पर लाल हुआ अमेरिका

इजराइल से तनाव के बीच ईरानी राष्ट्रपति का स्वागत करने पर पाकिस्तान से अमेरिका नाराज है। अमेरिका ने हाल ही में ईरान को अलग-थलग करने के लिए उसके खिलाफ कई नए प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं पाकिस्तान ने रायसी का स्वागत कर अमेरिका की मंशा पर पानी फेर दिया है। इससे अमेरिका नाराज है। पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा है कि ईरानी राष्ट्रपति का यह दौरा इजराइल के साथ मिसाइल युद्ध से पहले ही तय हो गया था। इस दौरे से ठीक पहले अमेरिका ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए चीन समेत 4 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिन पर पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम में मदद करने का आरोप था। पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका ने ईरानी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए पाकिस्तानी मिसाइल कार्यक्रम को निशाना बनाया है। एक तरह से यह शहबाज शरीफ सरकार को अमेरिका का खुला संदेश है।

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