
Baba Ramdev On Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ को आज से लागू कर दिया गया है। यानी अब से भारत का निर्यात बड़े स्तर पर प्रभावित हो सकता है। इस टैरिफ का उद्देश्य रूस से तेल और हथियारों की खरीद है, जिससे भारत पर दबाव बनाया जा रहा है। इस बीच, योग गुरु और पतंजलि आयुर्वेद के को-फाउंडर स्वामी रामदेव ने इस टैरिफ को आर्थिक आतंकवाद और टैरिफ टेररिज्म करार देते हुए भारत के लिए पांच ठोस कदम सुझाए हैं। उन्होंने भारत सरकार को ऐसे मंत्र बताए है, जो टैरिफ वॉर को खत्म कर सकता है।
भारत पर लागू हुआ 50% टैरिफ
दरअसल, अमेरिका ने पहले भारत पर 25% टैरिफ लगाया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 50% कर दिया गया। इसका कारण रूस से तेल खरीद है, जिस वजह से अमेरिका गुस्से की आग में जल रहा है। इस टैरिफ की वजह से भारत का निर्यात, विशेष रूप से कालीन, कपड़ा, रत्न-आभूषण और जेनेरिक दवाओं जैसे क्षेत्रों प्रभावित होंगे। एक रिपोर्ट की मानें तो भारत के 60.2 अरब डॉलर के निर्यात पर 70% तक की गिरावट आ सकती है। हालांकि, भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से घरेलू बाजार पर निर्भर है, जो इसका केवल 20% निर्यात से प्रभावित होता है। इस संदर्भ में, बाबा रामदेव ने भारत को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाने के लिए कुछ रणनीतियां सुजाई हैं।
बाबा रामदेव ने बताया टैरिफ से बचने का रास्ता
बाबा रामदेव ने जोर देकर कहा कि भारत को स्वदेशी उत्पादों पर भरोसा करना चाहिए। उन्होंने महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीयों को 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए। इससे न केवल विदेशी उत्पादों पर निर्भरता कम होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहिए। खासकर उन क्षेत्रों में जो श्रम-प्रधान हैं, जैसे कपड़ा, चमड़ा, और रत्न-आभूषण। इससे न केवल रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए वैकल्पिक बाजारों की तलाश भी आसान होगी।
बाबा रामदेव आगे बताते है कि भारत को यूरोपीय संघ, आसियान, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों के साथ व्यापारिक संबंधों को गहरा करना चाहिए। ट्रंप के टैरिफ के जवाब में भारत को अमेरिका पर निर्भरता कम करनी होगी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी स्थिति को मजबूत करना होगा। योग गुरु चीन का उदाहरण देते हुए कहते है कि जिस तरह चीन ने अपनी आर्थिक नीतियों में बदलाव कर वैश्विक बाजार पर कब्जा किया, वैसे ही भारत को भी अपनी नीतियों में सुधार करना चाहिए। उन्होंने भारत द्वारा उठाए गए GST सुधारों और कर कटौती जैसे प्रयासों की सराहना की। इसके अलावा निर्यातकों को नए बाजारों की तलाश के लिए सरकारी सहायता और फंड की जरूरत है।
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