
नई दिल्ली: हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी शोध पोत के प्रवेश करने के बाद भारतीय नौसेना अलर्ट पर है। बता दे कि कहने को तो यह शोध के नाम पर भारतीय समुद्र में है लेकिन इस सिप से चीन जासूसी भी कर सकता है। यही वजह है कि हिंद महासागर में चीन ने जासूसी जहाज युआन वांग 6 उतार दिया है। भारतीय नौसेना अपनी हवाई और समुद्री संपत्तियों के माध्यम से चीनी निगरानी जहाज की गतिविधि की निगरानी कर रही है। चीनी शोध पोत अभी भी भारतीय समुद्र से काफी दूरी पर है। वहीं इसकी उपस्थिति ऐसे समय में आई है जब भारत का रक्षा क्षेत्र अपनी मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है। भारत ने एयरमेन को एक नोटिस जारी किया था जिसमें 10-11 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी के ऊपर मिसाइल के परीक्षण की योजना की घोषणा की गई थी।
लोम्बोक स्ट्रेट्स से हिंद महासागर में घुसा
यह युआन वांग (Yuan Wang 6) सिरीज का ऐसा जहाज है, जिसमें उपग्रहों और बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करने की क्षमता है। मरीन ट्रैफिक के जरिए चीन की यह बड़ी साजिश सबके सामने आई है। हिंद महासागर में बादशाहत कायम करने की कोशिश में जुटा चीन, अब वैश्विक नियमों की अनदेखी पर उतर आया है। चीन के इस सैटेलाइट और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग शिप पर भारतीय नौसेना की भी नजर है। चीन ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि यह श्रीलंका के किस बंदरगाह की ओर रुख कर रहा है। चीन का युआन वांग जहाज लोम्बोक स्ट्रैट्स (Lombok Straits) की रास्ते 4 नवंबर को हिंद महासागर में उतरा था, जो पोर्ट ब्लेयर से करीब 3,500 किलोमीटर दूर है।
क्या है इस घुसपैठ की वजह
आपको बता दे कि, एपीजे कलाम द्वीप से भारत कुछ बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपित करने वाला है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीन इनकी निगरानी करना चाहता है। हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा के रणनीतिकार चीन के इस कदम से चिंतित नहीं है। उन्हें पता है कि चीन की इस जहाज में ऐसी गतिविधियों को मॉनिटर करने क्षमता है। भारत ज्यादा चिंतित इसलिए नहीं है क्योंकि चीन अभी अपने उपग्रहों पर नजर रख रहा है। साउथ ब्लॉक के अधिकारियों के मुताबिक चीन ने हिंद महासागर में जासूसी जहाज चीनी उपग्रह के प्रक्षेपण की निगरानी के लिए उतारा है। 12 नवंबर को चीन एक उपग्रह लॉन्च होने वाला है। एक उपग्रह महीने के अंत में भी लॉन्च होने वाला है।
क्यों है ये भारत के लिए चिंता वाली बात
भारत आधिकारिक तौर पर यह भले ही अभी न कह रहा हो लेकिन चीन के मंसूबे ठीक नहीं है। वह हिंद महासागर में अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश में जुटा है। चीन के सामरिक जहाज भारत की समुद्री सीमा का तेजी से सर्वेक्षण कर रहे हैं।चीन समुद्री तल की मैपिंग करके मलक्का जलसंधि के लिए वैकल्पिक मार्ग तलाश रहा है। अभी चीन के जहाज केवल मलक्का, सुंडा, लोम्बोक, ओमबाई या वेटार जलसंधि के जरिए हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। इन इलाकों पर आंशिक या पूरी तरह से इंडोनेशिया का नियंत्रण है।
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