हरियाणा में छाया सियासी संकट, 3 निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन लिया वापस

हरियाणा में छाया सियासी संकट, 3 निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन लिया वापस

Haryana Political Crisis: हरियाणा मेंसियासी उथल पुथल मच गया है। दरअसल, भाजपा सरकार को समर्थन कर रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। जिससे हरियाणा की नायाब सरकार अल्पमत में आ गई है। ये तीनों विधायक भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस के हाथ का समर्थन किया है। जिन तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस लिया हैं वो पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर, चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की उपस्थिति में अपना समर्थन वापस लिया है। तीनों निर्दलीय विधायकों ने कहा है कि वो सरकार की नीतियों से खुश नहीं थे इसलिए वो भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं।

उदय भान ने कही ये बात

वहीं उनके समर्थन वापस लेने पर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान ने कहा है कि,"तीन निर्दलीय विधायकों - सोमबीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलेन और धर्मपाल गोंदर ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है। मैं यह भी कहना चाहता हूं कि हरियाणा विधानसभा की वर्तमान ताकत 88 है, जिसमें से भाजपा के 40 सदस्य हैं। भाजपा सरकार को पहले जेजेपी विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जेजेपी ने भी समर्थन वापस ले लिया था और अब निर्दलीय हैं भी अपना समर्थन वापस ले रहे हैं।"

हरियाणा सरकार का बिगड़ा गणित

अब निर्दलीय विधायकों की ओर से भाजपा से समर्थन वापस लेने के बाद हरियाणा सरकार का गणित बिगड़ गया है। दरअसल, इस समय विधायकों की संख्या 88 है। बहुमत का 45 है। भाजपा के पास 40 विधायक है। साथ ही 2 निर्दलीय विधायकों के साथ एचएलपी विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन मिल रहा है। मौजूदा सरकार के पास बहुमत से दो विधायक कम है। वहीं 22 अगस्त तक सरकार पर कोई असर नहीं होगा। क्योंकि 22 फरवरी 2022 तक सरकार के खिलाफ अविश्वास पत्र लाया गया था। इसके अब 6 महीने बाद एक बार फिर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया जाएगा।

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