पाकिस्तान में कांगो फीवर का बढ़ा खतरा, जानें क्या है इसके लक्षण और बचाव

पाकिस्तान में कांगो फीवर का बढ़ा खतरा, जानें क्या है इसके लक्षण और बचाव

Health: दुनियाभर में लोग ईद उल अजहा की तैयारियों में लगे हुए है। ऐसे मं बकरीद से पहले पाकिस्तान पर एक खतरनाक वायरस का खतरा मंड़रा रहा है। इसका नाम क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार है, जिसे कांगो वायरस भी कहा जाता है। देश के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने वायरस से बचाव को लेकर नागरिकों के लिए सलाह भी जारी की है। पिछले साल भी पाकिस्तान में कांगो वायरस का प्रकोप देखा गया था। साल 2023 में पाकिस्तान में इस बुखार के 101 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से एक-चौथाई लोगों की मौत हो गई।

कांगो बुखार, जिसे क्रिमियन-कांगो हेमोरैजिक फीवर (CCHF) के नाम से भी जाना जाता है, एक गंभीर वायरल बीमारी है जो नाइरोवायरस के कारण होती है। यह बीमारी मुख्य रूप से टिक के काटने से फैलती है, लेकिन संक्रमित पशुओं के रक्त या ऊतकों के सीधे संपर्क में आने से भी इसका संक्रमण हो सकता है।

कांगो बुखार के लक्षणों में शामिल हैं:

1 उच्च बुखार

2 सिरदर्द

3 मांसपेशियों में दर्द

4 उल्टी और मतली

5 पेट में दर्द

6 दस्त

गंभीर मामलों में, रोगी को हेमोरैजिक (रक्तस्रावी) लक्षण हो सकते हैं जैसे कि नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून आना, और त्वचा के नीचे खून के धब्बे (पेटेचिया)।

संक्रमण का तरीका

CCHF का वायरस मुख्य रूप से Hyalomma प्रजाति के टिक द्वारा फैलता है। यह टिक जानवरों, विशेष रूप से मवेशियों, भेड़ों, और बकरियों पर पाया जाता है। जब यह टिक किसी मनुष्य को काटता है, तो वायरस मनुष्य में स्थानांतरित हो जाता है। इसके अलावा, संक्रमित जानवरों के रक्त, ऊतक, या शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से भी संक्रमण फैल सकता है।

उपचार और रोकथाम

वर्तमान में, कांगो बुखार का कोई विशेष एंटीवायरल इलाज नहीं है। इसका उपचार मुख्य रूप से सहायक चिकित्सा पर आधारित होता है, जैसे कि तरल पदार्थ देना, दर्द निवारक दवाएं, और संक्रमण को नियंत्रित करना। गंभीर मामलों में, मरीज को अस्पताल में भर्ती करने और गहन चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है।

रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपाय महत्वपूर्ण हैं:

1 टिक काटने से बचाव के लिए उचित कपड़े पहनना और कीट निरोधक का उपयोग करना।

2 संक्रमित क्षेत्रों में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षात्मक कपड़े पहनना।

3 जानवरों के रक्त और ऊतकों के संपर्क से बचना।

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