
Rain Destruction: उत्तरी भारत में गुरुवार को मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भूस्खलन से दो घर ढह गए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह लोग मलबे में दब गए। एनडीआरएफ ने तीन लोगों को सुरक्षित निकाला, लेकिन लगातार बारिश बचाव कार्यों में बाधा डाल रही है।
कुल्लू के उपायुक्त तोरुल एस रविश ने बताया कि पिछले कुछ दिनों की बारिश ने कई क्षेत्रों में भूस्खलन को बढ़ावा दिया। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, हिमाचल में 1,292 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी, कुल्लू और शिमला सबसे अधिक प्रभावित हैं। 20जून से शुरू हुए मानसून ने 95 फ्लैश फ्लड, 45बादल फटने और 127 बड़े भूस्खलन की घटनाओं को जन्म दिया, जिससे 343लोगों की जान गई और 3,690करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
जम्मू-कश्मीर और पंजाब में सड़क-रेल संपर्क ठप
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कों को बंद कर दिया, जिससे कश्मीर घाटी देश से कट गई। 26 अगस्त से बंद राजमार्गों के कारण 3,500से अधिक वाहन फंसे हैं। रेल यातायात भी 9दिनों से ठप है, जिससे तीर्थयात्री विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं।
कटरा में वैष्णो देवी मंदिर के पास भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो चुकी है। पंजाब में सतलुज, ब्यास और रावी नदियों में उफान से दशकों की सबसे भीषण बाढ़ आई, जिसमें 37 लोग मारे गए और 3.55 लाख लोग प्रभावित हुए। 1.75 लाख हेक्टेयर फसलें नष्ट हो गईं। पंजाब सरकार ने 7सितंबर तक शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है।
दिल्ली में यमुना का जलस्तर स्थिर
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर गुरुवार को 207.46मीटर पर स्थिर रहा, लेकिन बाढ़ का पानी सचिवालय और कश्मीरी गेट तक पहुंच गया। जलभराव और ट्रैफिक जाम ने दिल्लीवासियों की मुश्किलें बढ़ाईं। 8,018लोग टेंटों में और 2,030लोग स्थायी आश्रय स्थलों में शरण लिए हुए हैं। हरियाणा में आपात बैठक के बाद जल निकासी और पेयजल आपूर्ति के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए गए। मौसम विभाग ने हिमाचल में शुक्रवार और शनिवार को भी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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