
Punjab Flood: पंजाब इन दिनों प्रकृति के प्रकोप का सामना कर रहा है। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण पंजाब के सभी 23जिले बाढ़ की चपेट में हैं। इस आपदा ने 1200से अधिक गांवों को जलमग्न कर दिया, जिसमें गुरदासपुर सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 323गांव पानी में डूबे हैं।
इस त्रासदी में 30लोगों की जान चली गई, तीन लापता हैं, और करीब 2.56लाख लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूरे राज्य को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर राहत कार्यों को तेजी से शुरू करने का आदेश दिया है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
बचाव और राहत कार्यों में तेजी
पंजाब सरकार ने सेना, NDRF, BSF और पंजाब पुलिस के साथ मिलकर बचाव अभियान तेज कर दिया है। अब तक 14,936लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, और 122राहत शिविरों में 6582लोग शरण लिए हुए हैं। ड्रोन और नावों के जरिए दूरदराज के इलाकों में भोजन और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं। गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। केंद्र सरकार ने नुकसान के आकलन के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दलों को पंजाब भेजा है और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
कृषि क्षेत्र पर भारी मार, राजनीतिक विवाद
बाढ़ ने पंजाब के कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाया है। करीब 61632हेक्टेयर खेत जलमग्न हैं, जिसमें धान, कपास और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। फाजिल्का और कपूरथला में क्रमशः 16,632और 11,620हेक्टेयर खेत प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से सहायता मांगी है। वहीं, पंजाब कांग्रेस ने इसे ‘मानव निर्मित आपदा’ करार देते हुए सरकार पर बांधों से समय पर पानी न छोड़ने का आरोप लगाया। सरकार ने मंत्रियों और विधायकों की एक माह की तनख्वाह राहत कोष में देने का फैसला किया है।
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