ये कैसा चमत्कार...एक साथ दिए 4 नन्हे-मुन्नों को जन्म, 27 साल की महिला बनी 7 बच्चों की मां

ये कैसा चमत्कार...एक साथ दिए 4 नन्हे-मुन्नों को जन्म, 27 साल की महिला बनी 7 बच्चों की मां

Maharashtra News: महाराष्ट्र के सतारा जिले के कोरेगांव तालुका में एक ऐसा चमत्कार हुआ है, जिसने न सिर्फ स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया, बल्कि डॉक्टरों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। जरअसल, 27 वर्षीय काजल विकास खाकुर्डिया ने शुक्रवार को एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया, तीन बेटियां और एक बेटा। जिसके बाद काजल अब सात बच्चों की मां बन चुकी हैं। पहले से उनके तीन बच्चे थे, जिनमें जुड़वां बच्चे भी शामिल हैं। सभी बच्चे और मां स्वस्थ हैं। यह खुशखबरी परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें, काजल एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जिसकी गर्भावस्था सामान्य नहीं थी। डॉक्टरों ने शुरुआत से ही अल्ट्रासाउंड के जरिए चार बच्चों की मौजूदगी का पता लगा लिया था। क्वाड्रुपलेट्स (चार जुड़वां) का जन्म दुर्लभ होता है और यह चिकित्सा विज्ञान में भी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति मानी जाती है। बीते शुक्रवार को लेबर पेन होने पर काजल को क्रांतिसिंह नाना पाटिल सरकारी जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए डिलीवरी की गई। इस दौरान काजल ने सकुशल चारों बच्चों तीन बेटियां और एक बेटा को जन्म दिया।

वहीं, काजल के पति ने बताया कि यह खबर सुनकर पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। उन्होंने 'हम पहले से तीन बच्चों के माता-पिता थे। अब चार और जुड़ने से घर में रौनक ही रौनक हो गई है।' काजल की पहले की डिलीवरी में एक बार एक बेटी का जन्म हुआ था, जबकि दूसरी बार जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। इस तरह, सिर्फ  27 साल की उम्र में काजल सात बच्चों की मां बन गईं है।

डॉक्टरों ने क्या कहा?

दूसरी तरफ, डॉक्टरों के अनुसार, चार बच्चों का एक साथ जन्म होना बेहद दुर्लभ है। प्रति 100,000 गर्भावस्थाओं में से मात्र एक या दो मामलों में ऐसा होता है। डॉक्टरों ने बताया कि काजल की गर्भावस्था के दौरान विशेष निगरानी रखी गई थी, क्योंकि मल्टीपल प्रेग्नेंसी में मां को एनीमिया, हाई ब्लड प्रेशर और समय से पहले प्रसव का खतरा रहता है।

एक वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ ने कहा 'हम हैरान हैं कि इतनी कम उम्र में इतने बच्चों का जन्म बिना किसी जटिलता के हो गया। यह प्रकृति का चमत्कार है।' नवजात शिशुओं का वजन औसतन 1.5 से 2 किलोग्राम के बीच है, इसलिए उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट और पोषण पर नजर रखी जा रही है।      

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