
Srinagar 14/11 Blast: दक्षिण श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार रात ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया। देर रात करीब 11:22 बजे थाने परिसर में अचानक हुआ जबरदस्त धमाका कई किलोमीटर दूर तक महसूस किया गया। धमाका इतना भयावह था कि थाने की इमारत का बड़ा हिस्सा ढह गया, कई जब्त वाहन आग की लपटों में समा गए और मानव अवशेष 300फीट दूर तक बिखरे मिले। अब तक 9 मौतों की पुष्टि हो चुकी है जबकि 27 से अधिक लोग अस्पताल में गंभीर हालत में उपचाराधीन हैं। राहत दल को लगातार हो रहे छोटे धमाकों के कारण शुरुआती एक घंटे तक अंदर प्रवेश में कठिनाई का सामना करना पड़ा।
लापरवाही या आतंकी वारदात?
प्रारंभिक जांच में दो अहम एंगल सामने आए हैं। पहला, थाने के भीतर रखे लगभग 360किलो अमोनियम नाइट्रेट के विस्फोट से दुर्घटना होने की आशंका। जानकारी के मुताबिक, इस विस्फोटक सामग्री को मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में सील किया जा रहा था, तभी यह अचानक फट गया। दूसरा, इससे भी गंभीर एंगल यह है कि परिसर में खड़ी एक जब्त कार में IED लगाई गई थी, जिसने भीतर रखे बड़े विस्फोटक भंडार को भी उड़ा दिया। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े शैडो ग्रुप PAFF ने जिम्मेदारी लेने का दावा किया है, हालांकि एजेंसियां इसकी सत्यता की पुष्टि में जुटी हैं।
नौगाम पुलिस स्टेशन वह जगह है जहां हालही में पकड़े गए इंटर-स्टेट टेरर मॉड्यूल की पहली FIR दर्ज हुई थी। इसी वजह से सुरक्षा एजेंसियां इस विस्फोट को बदले की कार्रवाई के रूप में भी देख रही हैं। थाने में मौजूद 360 किलो विस्फोटक सामग्री फरीदाबाद में गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल गनई के किराए के घर से बरामद की गई थी। इसी मॉड्यूल से जुड़े दो और डॉक्टर अल-फलाह यूनिवर्सिटी से पकड़े गए थे। जांच में अब तक 2,900किलो से ज्यादा विस्फोटक बरामद हो चुका है, जो जैश-ए-मोहम्मद के एक बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
लालकिला धमाके से समानता, पूरे कश्मीर में अलर्ट
इस घटना के तुरंत बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। DGP नलिन प्रभात ने हाइब्रिड सुरक्षा समीक्षा की और सभी इकाइयों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। यह घटना दिल्ली में लालकिला के पास हुए हालिया कार ब्लास्ट के बाद सामने आई है, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई थी। केंद्र सरकार ने दोनों घटनाओं को बेहद गंभीर मानते हुए जांच एजेंसियों को “अत्यधिक प्राथमिकता” पर कार्रवाई करने को कहा है। नौगाम विस्फोट ने एक बार फिर सुरक्षा ढांचे और आतंकी नेटवर्क की सक्रियता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
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