धीरेंद्र शास्त्री ने बताया भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना क्यों है जरूरी, कहा- पड़ोसी देशों जैसा हाल...

धीरेंद्र शास्त्री ने बताया भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना क्यों है जरूरी, कहा- पड़ोसी देशों जैसा हाल...

Dhirendra Krishna Shastri: बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की जोरदार मांग उठाई है। पड़ोसी देशों जैसे नेपाल-बांग्लादेश में हालिया उथल-पुथल से सबक लेते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी अस्थिरता भारत में न फैले, इसके लिए देश को सनातन मूल्यों पर आधारित राष्ट्र बनाना अनिवार्य है। इसी कड़ी में शास्त्री जी ने 7 से 15 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक लगभग 140 किलोमीटर लंबी पदयात्रा का ऐलान किया है। यह यात्रा न केवल हिंदू एकता का प्रतीक बनेगी, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं को सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित करेगी। शास्त्री जी का मानना है कि वैचारिक क्रांति के बिना देश की सांस्कृतिक पहचान खतरे में पड़ सकती है।

पदयात्रा की रणनीति: संतों संग चली रणमौलिक चर्चा

यात्रा की रूपरेखा तय करने हेतु शास्त्री जी ने वृंदावन में प्रमुख संतों, धर्मगुरुओं और तीर्थ पुरोहितों के साथ गहन बैठक आयोजित की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि पदयात्रा का मूल लक्ष्य जन-जन के हृदय में हिंदू राष्ट्र की चेतना जागृत करना है। साथ ही, सनातन संस्कृति की मजबूती के लिए ब्रज क्षेत्र में मांसाहार व शराबबंदी की सख्त वकालत की जाएगी। बैठक में सहमति बनी कि यह यात्रा सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देगी और विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुटता का संदेश देगी। संत समाज ने इसे राष्ट्रीय महायज्ञ करार देते हुए पूर्ण समर्थन का वादा किया।

यात्रा लक्ष्य: गोमाता सम्मान से कृष्णभूमि प्रतिष्ठा तक

इस धार्मिक अभियान के केंद्र में गोमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाना, यमुना सफाई को गति प्रदान करना तथा श्रीकृष्ण जन्मभूमि की गरिमा स्थापित करना प्रमुख है। शास्त्री जी ने कहा कि ये मुद्दे सनातन धर्म की जड़ें मजबूत करेंगे। काशी विश्वनाथ दर्शन के बाद उन्होंने सतुआ बाबा आश्रम में पड़ोसी देशों की घटनाओं पर चिंता जताई, जहां संतोष दास सतुआ बाबा भी मौजूद थे। अब वे बिहार के गया रवाना हो रहे हैं, जहां पितर तर्पण के लिए जाना उनका धार्मिक कर्तव्य है, न कि कोई राजनीतिक मंसूबा। यह यात्रा सनातन पुनरुत्थान का नया अध्याय साबित होगी।

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