लापरवाही या विज्ञान...Ghazipur जैसे बड़े-बड़े कूड़े के ढेर में अपने आप कैसे लग जाती है आग? जानें

लापरवाही या विज्ञान...Ghazipur जैसे बड़े-बड़े कूड़े के ढेर में अपने आप कैसे लग जाती है आग? जानें

Delhi Landfill Fire Incident: दिल्ली के ग़ाज़ीपुर में कूड़े के ढेर में लगी आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं। लैंडफिल में लगी आग देर रात बड़े क्षेत्र में फैल गई थी। लेकिन अब इस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां आग पर पूरी तरह काबू पाने की कोशिश कर रही हैं। सबसे बड़ा खतरा यह है कि इस आग का जहरीला धुआं आसपास के इलाकों में फैल रहा है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। आइये जानते हैं कि कैसे कूड़े के ढेर में अपने आप आग लग जाती है। इसके पीछे का विज्ञान क्या है?

कूड़े के ढेर में कब और कैसे लगी आग?

बता दें कि फायर ब्रिगेड की टीम को रविवार शाम करीब 5:30 बजे पूर्वी दिल्ली स्थित गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने की सूचना मिली। शाम होते-होते गर्मी काफी प्रचंड हो गई और चारों ओर आग की लपटें दिखाई देने लगीं। आग लगे हुए करीब 14 से 15 घंटे हो गए हैं, फिर भी आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है।

फायर ब्रिगेड की कई टीमें अभी भी गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर मौजूद हैं। मालूम हो कि यह पहली बार नहीं है कि दिल्ली में किसी लैंडफिल साइट पर इस तरह की आग लगी है। हर साल गर्मी आते ही इस कूड़े के ढेर में आग लग जाती है, जिससे आसपास रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

कूड़े के ढेर में आग क्यों लगती है?

एक अध्ययन के मुताबिक जहां कूड़ा डंप किया जाता है, वहां बड़ी मात्रा में मीथेन गैस निकलती है। मीथेन भी एक कारण है जिसके कारण ग्लोबल वार्मिंग और शहरों का तापमान बढ़ रहा है। आपको बता दें कि मीथेन अत्यधिक ज्वलनशील गैस है। आपको अक्सर कूड़ा डंपिंग वाली जगहों पर आग लगने की घटनाओं के बारे में पता चलता होगा। ऐसा कूड़े के ढेर के अंदर भारी मात्रा में मौजूद मीथेन के कारण होता है। इससे आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में तेज धूप भी आग का कारण बन सकती है।

ग़ाज़ीपुर में शोला कब भड़का?

12 जून 2023 को ग़ाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगी थी। इससे पहले 20 अप्रैल 2022 को आग लगी थी। फिर एक महीने में तीन बार आग लगने से अफरा-तफरी मच गई थी। 29 मार्च 2022 को लैंडफिल साइट पर आग लगी थी। तब 3 दिन में काबू पाया जा सका था। इससे पहले भी 1 अप्रैल 2021 को लैंडफिल साइट पर आग लग गई थी। इसका कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।

Leave a comment