
नई दिल्ली: भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) ने वित्त वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, FY25 में जीएसटी कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो अब तक का सर्वकालिक उच्च स्तर है। यह पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के 20.18 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 9.4% की वृद्धि दर्शाता है।
FY21 में जीएसटी कलेक्शन 11.37 लाख करोड़ रुपये था, जो FY25 में लगभग दोगुना होकर 22.08 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह मजबूत आर्थिक गतिविधियों और बेहतर कर अनुपालन का संकेत है। FY25 में औसत मासिक जीएसटी कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा, जो FY24 के 1.68 लाख करोड़ रुपये और FY22 के 1.51 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
जून 2025 में जीएसटी कलेक्शन 1.85 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के जून (1.73 लाख करोड़ रुपये) की तुलना में 6.2% अधिक है। इसमें घरेलू लेनदेन से 1.38 लाख करोड़ रुपये और आयात से 45,690 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। बता दें कि अप्रैल 2025 में जीएसटी कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपये रहा, जो अब तक का सबसे अधिक मासिक कलेक्शन है। मई 2025 में यह 2.01 लाख करोड़ रुपये था।
जीएसटी की सफलता के कारण
जीएसटी पोर्टल के उन्नयन और सरलीकृत प्रक्रियाओं ने अनुपालन को आसान बनाया।
आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि: मजबूत घरेलू मांग और बेहतर कर अनुपालन ने कलेक्शन को बढ़ाया।
30 अप्रैल 2025 तक 1.32 करोड़ सामान्य करदाता, 14.86 लाख कम्पोजिशन करदाता, और 3.71 लाख टीडीएस खाते पंजीकृत थे।
1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था GST
जीएसटी को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, जिसने 17 स्थानीय करों और 13 उपकरों को एक पांच-स्तरीय कर संरचना में समाहित कर टैक्स सिस्टम को सरल बनाया। आठ साल में पंजीकृत करदाताओं की संख्या 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ से अधिक हो गई।
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