
Indian Stock Market: शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार ने कमजोरी के साथ कारोबार शुरू किया, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांक शुरुआती सत्र में लाल निशान में दिखे। सेंसेक्स 111.17अंक फिसलकर 81,074.41पर और निफ्टी 33.45अंक टूटकर 24,734.90 पर खुला। इस गिरावट के पीछे दो बड़े कारण हैं। अमेरिका द्वारा भारत के निर्यात पर लगाया गया 25%टैरिफ और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली। गुरुवार को FII ने ₹5,588.91करोड़ की इक्विटी बेची, जिसने बाजार पर भारी दबाव डाला। निवेशकों की नजर अब वैश्विक और घरेलू संकेतों पर टिकी है, क्योंकि बाजार इस अस्थिरता से उबरने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिकी टैरिफ का झटका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकारी आदेश ने भारत सहित 70देशों के निर्यात पर 25%आयात शुल्क का ऐलान किया है, जो 7अगस्त से लागू होगा। इस फैसले से भारत के कई सेक्टर, खासकर निर्यात-निर्भर उद्योग, प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, आदेश में रूस से सैन्य और ऊर्जा खरीद पर संभावित प्रतिबंधों की कोई स्पष्टता नहीं है। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के वी.के. विजयकुमार का कहना है कि यह टैरिफ अल्पकालिक हो सकता है, और भारत के पास बातचीत के जरिए राहत हासिल करने का समय है। वैश्विक बाजारों में भी कमजोरी दिखी, जहां जापान का निक्केई, कोरिया का कोस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नीचे आए। ब्रेंट क्रूड की कीमत भी 0.97%गिरकर $72.53प्रति बैरल पर पहुंच गई।
कंपनियों का मिला-जुला प्रदर्शन
बाजार में कुछ कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। सन फार्मा के शेयर 5%से ज्यादा टूटे, क्योंकि कंपनी का पहली तिमाही का नेट प्रॉफिट 20%घटकर ₹2,279करोड़ रहा। महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस और लार्सन एंड टुब्रो के शेयर भी दबाव में रहे। वहीं, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, एशियन पेंट्स और मारुति सुजुकी के शेयरों ने मजबूती दिखाई। निवेशक अब सरकार और रिजर्व बैंक के अगले कदमों पर नजर रखे हुए हैं, जो बाजार को स्थिरता दे सकते हैं।
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