
Mahakumbh Mela 2025: हिन्दू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण उत्सव महाकुंभ सांस्कृतिक और धार्मिक मेले में से एक माना जाता है। 30-45 दिन तक चलने वाला महाकुंभ हिंदुओं के लिए काफी मायने रखता है। महाकुंभ का आयोजन चार तीर्थ स्थानों पर ही किया जाता है। इसका आयोजन प्रयागराज के संगम , हरिद्वार में गंगा नदी, उज्जैन में शिप्रा नदी, और नासिक में गोदावरी नदी पर किया जाता है। इस बार प्रयागराज में लगने वाला कुंभ 'महाकुंभ' है जिसका संयोग 144 साल पर बनता है।
हिन्दू धर्म के अनुयायियों का मानना है कि कुंभ मेले में स्नान करने से पिछले सारे पाप धुल जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुंभ का शाब्दिक अर्थ है घड़ा। ऋषियों के काल से ही इस कुंभ मेले लगता आ रहा है।
कब होगी महाकुंभ मेले 2025 की शुरुआत?
साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन इस बार प्रयागराज में हो रहा है। बता दें, महाकुंभ 12 साल में एक बार लगता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, महाकुंभ मेले की शुरुआत पौष पूर्णिमा के दिन यानी 13 जनवरी को होगी। जिसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर होगा। यह महाकुंभ पूरे 45 दिन तक रहेगा।
कब होंगे महाकुंभ के शाही स्नान?
बता दें, 45 दिनों तक चलने वाले इस महाकुंभ मेले में 6 शाही स्नान होंगे।
महाकुंभ 2025 के शुभ संयोग
महाकुंभ मेले पर रवि योग का निर्माण होने जा रहा है। इस दिन इस योग का निर्माण सुबह 7 बजकर 15 मिनट से होगा। जिसका समापन सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर होगा। इसी दिन भद्रावास योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।
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