अचानक जोर-जोर से चिल्लाने लगे थे एक्टर, जानें मौत से पहले क्या थे सतीश कौशिक के आखिरी शब्द?

अचानक जोर-जोर से चिल्लाने लगे थे एक्टर, जानें मौत से पहले क्या थे सतीश कौशिक के आखिरी शब्द?

Satish Kaushik Last Words:एक्टर, कॉमेडियन और फिल्म मेकर सतीश कौशिक की अचानक मौत ने सबको हैरत में डाल दिया। हालांकि उनके मौत के मामले में दिल्ली पुलिस जांच कर रही है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कहीं उनकी हत्या तो नहीं की गई। वहीं पुलिस को उनके कमरे से कुछ दवाइयां भी मिली है। जिसकी जांच की जा रही है और पुलिस को सतीश कौशिक की विसरा रिपोर्ट का इंतजार है।

क्या पैसों के लिए हुई है सतीश की हत्या?

इस बीच एक महिला का भी बयान सामने आया है जिसमें वह कह रही है कि उसके पति ने पैसों के लिए सतीश कौशिक की हत्या की है। अब इसमें कितनी सच्चाई है इसके बारे में तो कुछ नहीं कह सकते, लेकिन मौत से पहले सतीश के आखरी शब्द क्या थे इसके बारे में चर्चाएं हो रहे है। तो चलिए आपको बताते है कि सतीश के आखिरी शब्द क्या थे।

मैनेजर संतोष ने बताए सतीश के आखिरी शब्द

दरअसल सतीश कौशिक के अंतिम समय में उनका मैनेजर संतोष राय उनके साथ था। अब संतोष राय ने सतीश कौशिक के कुछ आखिरी पलों के बारे में बताया है। संतोष राय ने आखिर उस रात क्या हुआ था उसके बारे में बताया। उन्होंने बताया कि रात करीब 8.30बजे सतीश कौशिक ने डिनर खत्म किया। हमें 9मार्च को सुबह 8:50बजे की फ्लाइट से मुंबई लौटना था। उन्होंने मुझे कहा, 'संतोष, जल्दी सो जाओ, हमें सुबह की फ्लाइट पकड़नी है। मैंने कहा, ठीक है सर जी। मैं बगल वाले कमरे में सोने चला गया।''

12 बजे जोर-जोर से चिल्लाने लगे थे सतीश कौशिक

उसके बाद रात 11बजे उन्होंने मुझे फोन किया और कहा,कि संतोषआ जाओ, मुझे अपना वाईफाई पासवर्ड ठीक करने की जरूरत है क्योंकि मैं एडिट के उद्देश्य से 'कागज 2' (कौशिक के निर्देशन में बनी फिल्म जिसकी शूटिंग पूरी हो चुकी है) देखना चाहता हूं। उन्होंने रात 11:30बजे फिल्म देखना शुरू किया और मैंने वापस अपने कमरे में चला गया।

संतोष में मरना नहीं चाहता- सतीश कौशिक

फिर रात करीब 12:05बजे उन्होंने जोर-जोर से मेरा नाम पुकारना शुरू कर दिया। मैं दौड़ता हुआ आया और उनसे पूछा, "क्या हुआ सर? क्यों चिल्ला रहे हो? इसके बजाय आपने मुझे फोन पर कॉल क्यों नहीं किया?" उन्होंने मुझसे कहा, "सुनो, मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। प्लीज मुझे डॉक्टर के पास ले चलो। हम तुरंत, वो और मैं कार की ओर गए और वह बैठ गए। इस दौरान उनके ड्राइवर और बॉडीगार्ड भी हमारे साथ थे।

जैसे ही हम अस्पताल की ओर निकले तो उनके सीने में दर्द बढ़ गया और उन्होंने कहा, 'जल्दी चलो अस्पताल।' फिर, उन्होंने अपना सिर मेरे कंधे पर रखा और कहा, 'संतोष, मैं मरना नहीं चाहता, मुझे बचा लो।' उन्होंने मुझे पकड़ा और कहा, 'मुझे वंशिका के लिए जीना है। मुझे लगता है मैं नहीं बचूंगा। शशि और वंशिका का ख्याल रखना।

8 मिनट में पहुंच गए थे अस्पताल

संतोष ने बताया कि हम आठ मिनट में अस्पताल (फोर्टिस अस्पताल) पहुंच गए क्योंकि शायद होली की वजह से सड़क खाली थी, लेकिन जब तक हम अस्पताल के अंदर पहुंचे वह बेहोश हो चुके थे। बता दें कि 8और 9मार्च की दरमियानी रात को सतीश कौशिक ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 9मार्च को मुंबई में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी शशि और बेटी वंशिका बची हैं।

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