'...इससे मैं बाहर नहीं निकल पा रहा हूं' सतीश कौशिक को याद कर भावुक हुए अनुपम खेर

'...इससे मैं बाहर नहीं निकल पा रहा हूं' सतीश कौशिक को याद कर भावुक हुए अनुपम खेर

Emotional video share remembering Satish Kaushik:  सतीश कौशिक के अचानक दुनिया को अलविदा कह जाने पर बॉलीवुड इंडस्ट्री शोक में नजर आ रही है तो दूसरी और सबसे ज्यादा सदमा सतीश के करीबी दोस्त अनुपम खेर को लगा है। एक्टर की मौत पर हर किसी के आंसू छलके। लेकिन अनुपम खेर सतीश कौशिक को सबसे ज्यादा मिस कर रहे है। इस बीच अनुपम खेर ने एक वीडिया साझा कर अपने दोस्त को याद किया है। 

 दरअसल अनुपम खेर नेसतीश कौशिक को याद कर एक इमोशनल वीडिया शेयर किया है। वीडियो में अनुपम खेर कहते नजर आ रहे हैं कि मैं आप लोगों से इसलिए बात कर रहा हूं, क्योंकि मैं अपने दोस्त के जाने से दुखी हूं और इस बात से मैं बाहर नहीं आ पा रहा हूं। मुझे यह बात खाए जा रही है कि सतीश आज हमारे बीच नहीं है, क्योंकि 45साल की दोस्ती बड़ी गहरी होती है। एक आदत सी हो जाती है। एक ऐसी आदत, जिसे आप छोड़ना नहीं चाहते हैं। और वो जब से गया है तो मैं कुछ समझ ही नहीं पा रहा हूं।

अनुपम खेर को याद आ रहा अपना जिगरी यार

अनुपम खेर आगे कहा है कि आज मैं सोच रहा था कि खाना खाऊं, क्या खाना खाऊं। फिर अचानक से याद आया कि चलो सतीश को फोन करता हूं। मैंने फोन उठाया और उसे फोन करने ही जा रहा था कि याद आया। मेरे लिए यह बहुत टफ है क्योंकि 45साल एक बहुत बड़ा समय है, किसी के साथ होने का। हम दोनों ने सपने साथ में देखे। हम दोनों ने साथ में जिंदगी की शुरुआत की थी। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में हम दोनों साथ थे। समय था जुलाई 1975।  इसके बाद हम साथ बैठते थे। वह डे स्कॉलर था, मैं हॉस्टलर था। उसके घर खाना- बैठना. फिर बॉम्बे वो पहले आ गया था, मैं बाद में आया। फिर हमने बहुत मेहनत की, इस मुकाम पर पहुंचे और कामयाबी हासिल की।

सतीश के बाद खुद को संभालने में हो रही दिक्कत

इसके बाद अनुपम ने कहा कि कई बार ऐसा होता था, जब हम दोनों एक- दूसरे से जलते भी थे, सड़ते भी थे, झगड़ा भी करते थे, पर फोन रोज सुबह 8या साढ़े 8पर हम दोनों एक- दूसरे को कर लेते थे। तो मेरा कल से किसी चीज में दिल नहीं लग रहा था, फिर मैंने सोचा कि मैं क्या करूं, क्योंकि मुझे इससे मूवऑन करना होगा। मेरे पिता का निधन हुआ, मैंने मूवऑन किया, आज सतीश नहीं है, इससे भी मुझे बाहर निकलना होगा क्योंकि जिंदगी हमें यही सिखाती भी है, फिर मैंने सोचा कि जो मैं मन में सोच रहा हूं, वो सब मैं आप लोगों के साथ शेयर करूं। तो मैं कुछ बेहतर महसूस कर सकूंगा। यह सब कहते हुए अनुपम रोने लगते हैं। खुद को संभालते हैं और आगे कहते हैं कि जिंदगी तो आगे बढ़ानी पड़ती है। मैं जिंदगी को आगे बढ़ा रहा हूं मेरे दोस्त सतीश, तुम हमेशा मेरे जीवन का एक अहम हिस्सा बने रहोगे।

 

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