
Delhi Flood: देश की राजधानी दिल्ली के यमुना बाजार इलाके में एक बार फिर यमुना नदी के उफान ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार, 01 सितंबर की देर शाम को यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया, जिसके बाद यमुना बाजार की कॉलोनियों और गलियों में बाढ़ का पानी घुस गया। इससे स्थानीय निवासियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, और लोग अपने जरूरी सामान के साथ राहत कैंपों की ओर पलायन कर रहे हैं।
यमुना का बढ़ता जलस्तर
हाल के दिनों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में हुई मूसलाधार बारिश के कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है। 01 सितंबर को बैराज से 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। जिस वजह से यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा। मंगलवार सुबह तक जलस्तर 206 मीटर के करीब पहुंच गया। जिसके कारण प्रशासन ने बाढ़ की चेतावनी जारी की। यमुना बाजार, जो नदी के किनारे बसा है, इस बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
यमुना बाजार में बिगड़े हालात
यमुना बाजार की गलियों और निचले इलाकों में पानी भरने से कई घरों में जलभराव हो गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, सुबह से ही पानी घरों में घुसना शुरू हो गया था, जिसके कारण लोग अपने जरूरी सामान को छतों पर ले गए या राहत कैंपों की ओर रुख किया। इस इलाके में हर साल बाढ़ की स्थिति बनती है, लेकिन इस बार जलस्तर के तेजी से बढ़ने और लगातार बारिश के कारण हालात और गंभीर हो गए हैं। जलभराव के साथ-साथ गंदगी और बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है, जिससे स्थानीय निवासियों में चिंता व्याप्त है।
प्रशासन का अलर्ट और राहत-बचाव कार्य
दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना बाजार क्षेत्र का दौरा कर प्रभावित लोगों से मुलाकात की और राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा 'हालात नियंत्रण में हैं। हमने बाढ़ नियंत्रण कक्ष की समीक्षा की है, और पानी का प्रवाह सामान्य हो रहा है। प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जा रही है।' प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है और राहत कैंपों की व्यवस्था की है। वहीं, मयूर विहार क्षेत्र में जिला मजिस्ट्रेट (पूर्व) द्वारा राहत कैंप स्थापित किए गए हैं, जहां लोग शरण ले रहे हैं।
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