Dark Chocolates: आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मददगार है डार्क चाकलेट, यहां जानें इसके फायदे

Dark Chocolates: आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मददगार है डार्क चाकलेट, यहां जानें इसके फायदे

Dark Chocolates: नया साल आने में अब बहुत ही कम दिन बचे है। इससे पहले क्रिसमस आएगा और उसमे पार्टी भी होगी साथ ही पार्टी में  चॉकलेट खाना तो आम बात है। ऐसे में लेकर यहा अब बड़ा सवाल उड़ता है कि  क्या डायबिटीज के मरीज डार्क चॉकलेट खा सकते हैं? दूध से बने चॉकलेट से परहेज करना चाहिए? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि  ज्यादातर चॉकलेट दूध से ही बनाएं जाते हैं साथ ही उसमें भरपूर मात्रा में चीनी होती है। चीनी का इसलिए मिलाई जाती है जिससे उसमें कोको की कड़वाहट गायब हो जाए। जिसके कारण इसमें भरपूर मात्रा में फैट और कैलोरी होते हैं। इसलिए चॉकलेट में चीनी और कौलोरी दोनों बढ़ जाती है। जिसे खाने के बाद लाजमी है कि आपका  वजन बढ़ सकता है। साथ ही साथ कोलेस्ट्रॉल में भी बढ़ोतरी हो जाती है। 

डार्क चॉकलेट में होता है 70 प्रतिशत कोको

डार्क चॉकलेट मधुमेह वाले लोगों के लिए सेफ होती है क्योंकि डार्क चॉकलेट में चीनी की मात्रा कम होती है।क्योंकि उनमें 70 प्रतिशत कोको होता है। लेकिन फिर भी इसमें चीनी मिलाई जाती है। इसलिए सर्तक रहें। इसके अलावा इनमें पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करते हैं और शोध में पाया गया है कि यह ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है। शरीर को अपने इंसुलिन का अधिक कुशलता से उपयोग करने में मदद करता है। लेकिन वे आपके रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए मिठाई के विकल्प के रूप में इसकी सिफारिश नहीं की जा सकती है।

चॉकलेट में अधिक मात्रा में कैलोरी होती है। इसलिए चॉकलेट की कैलोरी की मात्रा चेक करें और सुनिश्चित करें कि इसका भार दैनिक कैलोरी भत्ते से अधिक न हो। इसका मतलब है कि आपको उपचार के दिन अन्य कैलोरी स्रोतों को खत्म करना होगा। सुनिश्चित करें कि चॉकलेट का एक वर्ग एक संतुलित आहार से बेअसर हो जिसमें साबुत अनाज, फलियां, बीन्स, पत्तेदार सब्जियां और फल शामिल हों।

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