Chaitra Navratri 2024: 9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो गई है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार, नवरात्रि में अगर नौ दिन तक पूजा और व्रत न कर पाएं हो तो अष्टमी और नवमी के दिन व्रत रखकर देवी का उपासना करने से पूरे 9 दिन की पूजा का फल मिलता है। इस दिन लोग कुल देवी की पूजा के बाद कन्या पूजन भी करते हैं। इसके साथ ही ही नवमी तिथि को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में कई लोगों को कन्फ्यूजन है कि आखिर अष्टमी 16 अप्रैल को मनाई जाएगी या 17 अप्रैल को मनाई जाएगी।
महाअष्टमी की शुरूआत 16 अप्रैल को होगी तो वहीं नवमी तिथि 17 अप्रैल यानी बुधवार को है। अष्टमी तिथि की शुरूआत चैत्र शुक्ल पक्ष में 15 अप्रैल को 12 बजकर 11 मिनट पर होनी है। जो अगले दिन 1 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगी। तो वहीं नवमी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को 1 बजकर 23 मिनट से अगले दिन 17 अप्रैल को 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। राम नवमी का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 10 मिनट से 1 बजकर 43 मिनट तक रहने वाला है।
कैसे करें पूजन
मां महागौरी की पूजा का आरंभ दूध, दही, घी, शक्कर और मक्खन से की जाती है। इसके बाद पूजा के अंत में मां को फूल, अर्घ्य, दीप और प्रसाद चढ़ाया जाता है। भक्तों को महागौरी माता की उपासना करने से उन्हें शुभ फल मिलते हैं और उनके भविष्य में धन, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।
कन्याओं को देने चाहिए ये उपहार
कन्या पूजन के दौरान काले चने की सब्जी, खीर, पूड़ी, हलवा का भोग लगाना चाहिए। वहीं कन्याओं को उपहार स्वरूप लाल रंग के वस्त्र, श्रृंगार सामग्री, नारियल, मिठाई, शिक्षा से जुड़ी सामग्री भेंट करनी चाहिए। कन्या पूजन में 9 कन्याओं का होना और 1 बालक जिसे बाटुक माना जाता है शुभ होता है।
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